उर्दू काज़ को आगे बढ़ाने में उरदु तनज़ीमें सरगर्म ज़ाहिद अली ख़ां का ख़िताब

हैदराबाद। 31 अक्तूबर (प्रैस नोट) अंजुमन मोहिब्बाने उर्दू (ए पी) के ज़ेर-ए-एहतिमाम दूसरा आलमी मुशायरा बयाद फ़ैज़ 29 अक्तूबर की शाम ललीयत कलाथोरनम, बाग़ आम्मा, नामपली में मुनाक़िद किया गया। जनाब ज़ाहिद अली ख़ां मुदीर सियासत ने सदारत की।

उन्हों ने इफ़्तिताही ख़िताब में कहा कि हैदराबादियों को बजा तौर पर फ़ख़र है कि उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज में शहर हैदराबाद सब से आगे है और यहां की फ़आल उर्दू तंज़ीमें अदबी सरगर्मीयों के ज़रीया उर्दू काज़ को आगे बढ़ा रही हैं जिस में अंजुमन मोहिब्बाने उर्दू के मुशायरे भी काबिल-ए-ज़िकर हैं। इबतदा-ए-में कन्वीनर मुशायरा सय्यद मिस्कीन अहमद ने ख़ैरमक़दमी तक़रीर की और और बतौर ख़ास हैदराबादी सामईन के आला अदबी ज़ौक़ और नज़म-ओ-ज़बत की सताइश की।

मुशायरा में बहैसीयत मेहमान मुहम्मद सुलतान अहमद, अबदुलकरीम ख़ान, मुहम्मद फ़ारूक़ हुसैन, ख़ुदादाद ख़ां (दुबई), ज़फ़र जावेद, ख़लील अलरहमन , सय्यद ख़ुरशीद अहमद , जी ऐम ख़ान, मुहम्मद अबदुलक़ादिर (सदी पेट), डाक्टर एसए शकूर ने शिरकत की। शमस जालनवी की नाअत शरीफ़ से मुशायरा का आग़ाज़ हुआ और पहले शायर असर ग़ौरी थे। मंज़र भोपाली के कलाम पर सामईन ने दाद दी। उन्हों ने तरन्नुम में कलाम सुनाया।

फ़िल्मी शायर शकील आज़मी, मीसमगोपालपोरी , डाक्टर लता हयाऔ, जावेद अर्शी ने अपने कलाम से महफ़िल को गर्मा दिया। हामिद भनसावली और शमस जालनवी के अशआर पर सामईन ने दाद दी। तमीज़ परवाज़, शकील क़ुरैशी, बंज कुमार , डाक्टर राही, राजीव दोवा ने अपना मुंतख़ब कलाम सुनाया। नाज़िम मुशायरा फ़िरोज़ रशीद उम्दगी के साथ कार्रवाई चलाई और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के बेशुमार अशआर सुनाकर समां बांध दिया।

मुहम्मद ज़हीरउद्दीन इक़बाल मुआविन कन्वीनर, ख़्वाजा मुईन उद्दीन ने इंतिज़ामात की निगरानी की। मुशायरा के इख़तताम पर अबदुलकरीम ख़ां आई ए उसके हाथों मेहमानों और तमाम शारा-ए-के इलावा सय्यद मिस्कीन अहमद की गलपोशी की गई।