कश्मीरी फिटोग्राफर ने पैलेट गन से गवाई आँखे, पत्रकार ने छेड़ा फेसबुक आंदोलन

कश्मीर में बिगड़ते हालात के चलते पैलेट गन के प्रयोग से अनगिनत लोग घायल हो चुके हैं कुछ लोग हमेशा के लिए आँखों की रौशनी गवां चुके हैं तो कुछ लोग के शरीर के विभिन्न अंग इस पैलेट गन द्वारा घायल हो चुके हैं।

इन्ही में से एक कश्मीर के श्रीनगर में रहने वाले 27 वर्षीय फोटोग्राफर ज़ुहैब मक़बूल भी हैं। ज़ुहैब मक़बूल 4 सितम्बर की गली में चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपने कैमरे में क़ैद कर रहे थे तभी अचानक से एक पुलिस अधिकारी द्वारा भीड़ को हटाने की कोशिश की गयी और ज़ुहैब पर पैलेट गन की गोलियां दागने कोशिश की गयी। ज़ुहैब ने पुलिस अधिकारी से विनती की और बताया की वह प्रेस से है लेकिन पुलिस ने उसकी एक ना सुनते हुए पैलेट गन की सारी गोलिया ज़ुहैब पर दाग दी।

लम्बा चौड़ा लगभग 107 किलोग्राम का व्यक्ति खून की नदी में जा गिरा। उसको अस्पताल ले जाया गया और जांच के बाद डॉक्टर ने बताया की पैलेट गन ने ज़ुहैब का सीना, मुँह और आँखे घायल की हैं। डॉक्टर जो ज़ुहैब का इलाज कर रहा है उसने बताया की अब तक उसकी आँखों की छः सर्जरी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक उसकी आँखों की रौशनी पूरी तरह से वापस नहीं आ पायी हैं। ज़ुहैब को अभी सब धुंधला दिखता है।

काम ना कर पाने की वजह से ज़ुहैब अपना दिन घर के एक अँधेरे कमरे में रहकर व्यतीत करता है। ज़ुहैब ने बताया की डॉक्टर ने मुझे रौशनी से बच कर रहने को कहा है इसलिए मुझे अँधेरे में रहना पड़ता है। ज़ुहैब मायूसी से कहते हैं की अब तो मेरी ज़िन्दगी भी अँधेरी हो चुकी है।

जिस मीडिया समूह के लिए ज़ुहैब काम करता था उनको भी ज़ुहैब की कोई चिंता नहीं है। जबकि उसका कहना है की मैं उन लोगो को दोषी नहीं ठहराना चाहता क्यूंकि आरम्भ में सब लोग अस्पताल में मुझसे मिलने आये थे अब शायद सब व्यस्त होंगे।

हाल ही मैं ज़ुहैब के लिए आशा की एक किरण चमकती नज़र आई जब अंतराष्ट्रीय जाने माने फ़ोटो a अल्ताफ क़ादरी ने ज़ुहैब की सहायता के लिए ‘सपोर्ट ज़ुहैब मक़बूल न्यूज़ फोटोग्राफर’ के नाम से एक फेसबुक पेज बनाया।