कांग्रेस के नए पी सी सी सरबराहान

कांग्रेस ने आज दिल्ली और छत्तीसगढ़ के लिए बिलतर्तीब अरविंदर सिंह लवली और भूपेश बाघेल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) सरबराहान मुक़र्रर किया जिससे ये इशारा मिलता है कि हालिया एसेंबली इंतिख़ाबात में हज़ीमत उठाने के बाद पार्टी रियासती यूनिट्स में ज़बर्दस्त तब्दीलियों की ख़ाहिश‌ है।

साबिक़ वज़ीर और मौजूदा एमएल ए को जे पी अगरावल के मुक़ाम पर मुक़र्रर किया है जिन्होंने दिल्ली एसेंबली इंतिख़ाबात में पार्टी के बदतरीन मुज़ाहरा की अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए इस्तीफ़ा देदिया था। 46 साला लवली 1987 से सरगर्म सियासत से वाबस्ता हैं और कांग्रेस के सीनिय‌र क़ाइद अजय माकन के करीबी रफीक तसव्वुर किए जाते हैं।

दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस के जेनरल सेक्रेटरी की हैसियत से 1990 में उनका इंतिख़ाब अमल में आया था जबकि 2003 में शीला दिक्षीत‌ काबीना में उन्हें वज़ीर के ओहदा पर भी फ़ाइज़ किया गया था और इस तरह उन्होंने ट्रांसपोर्ट, तालीम और रेवन्यू के अहम तरीन क़लमदानों में अपने फ़राइज़ अंजाम दिए जबकि बाघेल भी एक साबिक़ वज़ीर हैं।

पी सी सी सरबराह और मर्कज़ी वज़ीर चरण दास महंत के ज़ेर-ए-निगरानी वो पार्टी प्रोग्राम कोआर्डीनेटर थे लेकिन छत्तीसगढ़ में इंतिख़ाबी नताइज के सिर्फ़ पंद्रह दिन बाद उन्होंने चरण दास महंत की जगह ले ली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को कामयाबी की उम्मीद‌ थीं लेकिन वहां भी उसे मायूसी का मुँह देखना पड़ा।

इन बहाली का ऐलान पार्टी जेनरल सेक्रेटरी जनार्धन दवेदी ने किया और कहा कि मज़कूरा तकुर्रात‌ पार्टी सरबराह सोनिया गांधी की जानिब से फ़ौरी असर के साथ किए गए हैं। याद रहे कि चरण दास महंत को 3 जून को पी सी सी सरबराह बनाया गया था और ये उस वक़्त की बात है जब सिर्फ़ एक हफ़्ता क़बल माविस्टों के एक हमले में कांग्रेस के सीनिय‌र क़ाइदीन पी सी सी सरबराह नंदकुमार पटेल हलाक होगए थे जबकि ये भी कहा जाता रहा कि महंत के साबिक़ वज़ीर-ए-आला छत्तीसगढ़ अजीत जोगी के साथ ख़ुशगवार ताल्लुक़ात नहीं थे और दोनों के बीच बात‌ केलिए पार्टी को डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लेना पड़ा था।