कुर्रा-ए-अर्ज़ को शमसी तूफ़ान का ख़तरा ,मुवासलात , सेल फोन्स ग़ीर कारकर्द हो जाएंगे

दुनिया को साल 2012 और 2013 में एक शमसी तूफ़ान का ख़तरा लाहक़ है जिसके असर से मुवासलात बर्क़ी और फ़िज़ाईया के शोबा को काफ़ी नुक़्सानात हो सकते हैं।

माहिर फ़लकियात ने इस इम्कानी शमसी तूफ़ान के मुवासलात, टेक्नोलोजी इलेक्ट्रीसी और हवा बाज़ी के शोबा पर मनफ़ी असरात का अंदेशा ज़ाहिर किया है। एस्ट्रो नौ हैकल सोसायटी जद्दा ने भी 2012‍ के अवाख़िर या 2013 के अवाइल में इस शमसी तूफ़ान की तौसीक़ की है।

समझा जाता है कि इस का सबसे ज़्यादा असर मुवासलाती शोबा पर मुरत्तिब होगा। इमकानी शमसी तूफ़ान के बारे में कहा गया है कि नए शमसी हलक़ों की इबतदा में जिससे सूरज की सतह पर कई दाग़ उभर आयेंगे। ये हलक़े जो ग़ैरमामूली सरगर्म होते हैं जब एक दूसरे से टकरायेंगे तो इस का लाज़िमी नतीजा शमसी धमाका की सूरत में ज़ाहिर होगा।

ये तूफ़ान कुर्राह-ए-अर्ज़ के मक़नातीसी मैदान से टकराएगा। इसके असर से ताबकारी शुवाओं का इख़राज होगा ताहम नुक़्सानात के बारे में सदर आस्ट्रो नौ हैकल सोसायटी माजिद ए ज़ुहरा का कहना है कि शमसी धमाका की ताक़त पर इस का इन्हेसार होगा।

उन्होंने अरब न्यूज़ को ये बात बताई। मार्च 1989 के दौरान सूरज में ऐसी ही तब्दीली हुई थी जिस की वजह से बड़े पैमाने पर एक्सरे और बनफ़्शी शुवाएं ज़मीन की ऊपरी तहा तक पहुंच गई और मुसबत प्रोटोन-ओ-मनफ़ी इलेक्ट्रॉन से मिलने की वजह ऊपरी तहा गर्म हो गई थी और ख़लाई हिस्सा भी गर्म हो गया चुनांचे निचली सतह के मदार में मुतहर्रिक सेटेलाईटस को नुक़्सान पहुंचा था ताहम इस अमल से इंसानी ज़िंदगी को रास्त नुक़्सान पहुंचने का अंदेशा नहीं है क्योंकि कुर्राह-ए-अर्ज़ माहौल और मक़नातीसी मैदान से घिरा हुआ है, ताहम ज़मीन के बैरूनी माहौल को नुक़्सानात लाहक़ होते हैं।

अबू ज़ुहरा ने बताया कि शमसी तूफ़ान से इलेक्ट्रॉनिक आलात बुरी तरह मुतास्सिर होंगे। ग़िज़ाई ट्रिक्स एक से दूसरे मुक़ाम मुंतक़िल नहीं हो पायेंगे। सेल फोन्स और कंप्यूटर्स काम नहीं करेंगे। ग्रिड में तवानाई के बगै़र कई फ़ैक्ट्रीज़ को बंद करना पड़ेगा।

नई गाड़ीयों बिशमोल कार को स्टार्ट करने के लिए इलैक्ट्रॉनिक सिस्टम होता है और ये ग़ीर कारकर्द हो जाएगा। मआशी माहिरीन ने एक बिलीयन डॉलर्स ने ज़ाइद नुक़्सानात का अंदेशा ज़ाहिर किया है।