कोडनानी को फांसी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी एसआईटी

अहमदाबाद, 18 मई: (एजेंसी) 2002 के नरोदा पाटिया दंगे के मामले में मुजरिम ठहराई गईं साबिक वज़ीर माया कोडनानी और दिगर नौ के लिए मौत की सजा की अपील करने के मामले में हुकूमत ए गुजरात के यू-टर्न के बाद अब एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस लेने का फैसला किया है।

एसआईटी के एक आला आफीसर ने बताया कि बहुत ही जल्द हम सुप्रीम कोर्ट की खुसूसी बेंच के सामने एक दरखास्त दायर करने जा रहे हैं।

इस दरखास्त में नरोदा पाटिया दंगा मामले में हुकूमत गुजरात की तरफ से मुजरिमों के लिए मौत की सजा की अपील करने के फैसले से पलटने का ज़िक्र किया जाएगा।

आफीसर ने बताया कि इस मामले में हम कोई दर्खास्त दाखिल नहीं करेंगे क्योंकि इसमें न तो हम पार्टी हैं और न ही डिफेंडेंट (Defendant) हैं।

लेकिन मामले में हम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुकर्रर किए गए आफीसर हैं, इसलिए हम इस मामले पर अदालती गाइडलाइंस के लिए एक दरखास्त दाखिल करेंगे।

हम जस्टिस पी सदाशिवम, एमवाई इकबाल और रंजना देसाई वाली बेंच के सामने यह दरखास्त दायर करेंगे।

नरेंद्र मोदी की हुकूमत ने अपनी साबिक मंत्री कोडनानी और दिगर नौ के खिलाफ सजाए मौत के लिए अपील करने का फैसला किया था, लेकिन हिंदू तंज़ीमों की मुखालिफत को देखते हुए हुकूमत अपने फैसले से पलट गई।

इस बारे में रियासत के फायनेंस मिनिस्टर और तर्जुमान नितिन पटेल ने कहा कि अभी इस मामले पर फैसले को रोक कर रखा गया है क्योंकि इस बारे में रियासत के एडवोकेट जनरल की राय ली जा रही है।

उनके अपनी राय देने के बाद ही कोई आखिरी फैसला लिया जाएगा। मोदी की हुकूमत में वज़ीर रहीं कोडनानी को अगस्त 2012 में कोर्ट ने 28 साल की सजा सुनाई थी।