खोखले शब्दों और नारों से प्रतिस्पर्धा असंभव: राष्ट्रपति

वाराणसी: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज जोर अंदाज में कहा कि सरकार को शोध में अधिक निवेश करना चाहिए क्योंकि केवल खोखले शब्दों या नारों द्वारा प्रतिस्पर्धा संभव नहीं है। बुनियादी आवश्यकता प्रदर्शन में सुधार है। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोहों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि विभिन्न प्रतिस्पर्धी मांग और पूर्ति के लिए संसाधनों में संतुलन पैदा करे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार से पुरजोर अपील की कि अनुसंधान के क्षेत्र में अधिक निवेश किया। हमें बेहतर प्रदर्शन के लिए अधिक शोध की जरूरत है।

मुख्य कार्य विज्ञान होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी और घरेलू क्षेत्रों को इस बात को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना चाहिए कि अनुसंधान और आविष्कार के क्षेत्र में अधिक निवेश होता है। उन्होंने कहा कि बाबुल और हिरोशिमा लोगों के विचारों को उग्र कर देते हैं। इसलिए वे सोचते हैं कि दुनिया भर में काशी अच्छा स्थान मौजूद नहीं है जहां से गंगा बहती है जो सद्भाव, संतुलन, हमदरी, प्यार, ईमानदारी और विश्व मानवता का प्रतीक है।