ग़रीबों केलिए एक रुपया केलो चावल 2.26करोड़ ख़ानदानों को फ़ायदा: चीफ़ मिनिस्टर

हैदराबाद। 22 सपटमबर, ( सियासत न्यूज़ ) चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने ऐलान किया कि ग़रीबों को एक रुपया फ़ी केलो चावल सरबराह किया जाएगा। आंधरा प्रदेश की तारीख़ में सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वाले ख़ानदानों केलिए इस तरह की रियायत वाली स्कीम का आज तक ऐलान नहीं किया गया है। चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि इस स्कीम से रियासत की 7.5 करोड़ आबादी के मिनजुमला 2.26करोड़ ख़ानदानों को फ़ायदा पहूंचेगा। रियासत में 6.8 करोड़ की आबादी में.21 करोड़ ख़ानदान सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। रचा बंडाI के तहत 25लाख ख़ानदानों को नए कारडज़ जारी किए गए हैं। रियासत में रुपय केलो चावल स्कीम केलिए सालाना दो हज़ार करोड़ रुपय सब्सीडी की ज़रूरत होगी जबकि एक रुपया फ़ी केलो चावल स्कीम केलिए सालाना सब्सीडी 2600करोड़ रुपय दी जाएगी इस से रियास्ती हुकूमत के ख़ज़ाना पर ज़ाइद बोझ पड़ेगा। 2रुपय केलो चावल की क़ीमत को घटा कर एक रुपया करदेने से सालाना 600 करोड़ रुपय का ज़ाइद बोझ आइद होगा। इस स्कीम केलिए हर माह 3.3लाख मैट्रिक टन चावल की ज़रूरत होगी। चीफ़ मिनिस्टर ने 31लाख राशन कारडज़ जारी किए हैं। ( रचा बंडा के पहले मरहला में 6लाख, रचा बंडा के दूसरे मरहले में 25लाख ख़ानदानों को नए कारडज़ जारी किए थी)। वाज़िह रहे कि 1983–में रुपय फ़ी किलोग्राम सब्सीडी पर चावल सरबराह किया गया था जबकि मार्किट में चावल की क़ीमत तक़रीबन 2.46रुपय थी और इस वक़्त सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वाले ख़ानदानों की तादाद भी कम थी उन्हें 1.90 रुपय की सब्सीडी के तहत चावल सरबराह किया जाता था जबकि खुली मार्किट में चावल की क़ीमत 3.96 रुपय थी। 1990 के दौरान अवामी निज़ाम तक़सीम के ज़रीया इसी क़ीमत पर चावल तक़सीम किया जाता था। बादअज़ां 1992-में जबकि खुली मार्किट में चावल की क़ीमत 5.71रुपय थी तो हुकूमत की जानिब से 3.50 रुपय फ़ी केलो चावल सरबराह किया गया। जबकि 2रुपय फ़ी केलो चावल सरबराह किया जा रहा है तो मार्किट में फ़ी केलो चावल की क़ीमत 12.56रुपय है।अब एक रुपया फ़ी केलो चावल सरबराह करने का ऐलान किया गया है इस वक़्त खुली मार्किट में चावल की क़ीमत 18रुपय फ़ी किलोग्राम ही। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि ग़रीबों केलिए हुकूमत ये बोझ बर्दाश्त करने तैय्यार है।