ग़ैर मुनज़्ज़म शोबा केलिए हुकूमत के कई इक़दामात

रियास्ती हुकूमत ने कहा कि ग़ैर मुनज़्ज़म शोबा के वर्कर्स को दरपेश मसाइल की आजिलाना यकसूई के लिए मोस्सर-ओ-मुसबत इक़दामात कररही है और इस मसला पर वक़्त का ताय्युन करने पर हुकूमत तफ़सीली जवाब देने के लिए तैय्यार है। आज यहां ऐवान में क़ौमी-ओ-रियास्ती सतह पर मुनज़्ज़म करदा एक रोज़ा आम हड़ताल के मसला पर सी पी आई और सी पी आई ऐम की जानिब से ख़ुसूसी तवज्जा दहानी पर अपना जवाब देते हुए मिस्टर डी सिरीधर बाबू वज़ीर सियोल स्पलाईज़-ओ-उमोर मुक़न्निना ने ये बात कही।

क़ब्लअज़ीं सी पी आई फ़्लोर लीडर मिस्टर जी मलीश और सी पी आई ऐम रुक्न असेंबली मिस्टर जय रंगा रेड्डी ने ख़ुसूसी तवज्जा दहानी के तहत इस मसला को मौज़ू बेहस बनाया। मिस्टर मलीश ने कहाकि क़ौमी सतह पर मुख़्तलिफ़ शोबा के वर्कर्स और ट्रेड यूनीयन तंज़ीमों की जानिब से दूसरी मर्तबा आम हड़ताल की जा रही है।

इस के बावजूद ना ही मर्कज़ी हुकूमत और ना ही रियास्ती हुकूमतें वर्कर्स के देरीना हल तलब मसाइल की यकसूई के लिए कोई इक़दामात कररहे हैं। उन्हों ने कहाकि मौजूदा हालात में मुस्तक़िल मोलाज्मीन के बजाय हुकूमतें आउट सोरसिंग के ज़रीया आरिज़ी मोलाज्मीन की ख़िदमात हासिल करने पर अव्वलीन तर्जीह दे रही हैं जबकि तमाम शोबा जात में आरिज़ी मोलाज्मीन की ख़िदमात को बाक़ायदा बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है।

उन्हों ने वर्कर्स के देरीना हल तलब मसाइल की आजलाना यकसूई करने का रियास्ती हुकूमत से मुतालिबा किया। सी पी आई ऐम रुक्न असेंबली मिस्टर जय रंगा रेड्डी ने कहाकि मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमतें इंतेख़ाबात के मौक़ा पर आरिज़ी मोलाज्मीन की ख़िदमात को बाक़ायदा बनाने का त्यक्कुन दे कर उन तबक़ात के वोट हासिल करती हैं।