गांववालों ने शव को छूने से किया इनकार, पुलिसवालों ने दिया कंधा

परंपरा की जंजीर में बंधे हुए लोग कभी कभी मानवता को शर्मशार कर देते हैं । ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के मंगलुरु  में सामने आया है।  एक गांव के लोगों ने 80 वर्षीय बुजुर्ग की लाश को छूने से इनकार कर दिया। मरे हुए व्यक्ति के बेटे को असहाय  देख दो पुलिसवालों  ने मानवता की खातिर शव को कंधा देकर उसका साथ दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक शनिवार (3 मार्च) को पुलिस अधिकारियों ने बेटे के साथ उसके पिता के शव को कंधा देते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले के कोइला के गांव गुलगोडी स्थित उसके आवास पर पहुंचाया। 80 साल का असालप्पा नाम के शख्स पैदल चलने के दौरान पहाड़ी रास्ते से नीचे गिर गया था। असालप्पा को गिरते हुए कई लोगों ने देखा और उनके सामने ही उसने आखिरी सांसें लीं, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। कोइला के स्थानीय लोगों ने रविवार (4 मार्च) को नेमा नाम का त्योहार मनाया था। ऐसा माना जाता है कि नेमा के दौरान अगर कोई शख्स किसी लाश के संपर्क में आता है तो उसके सूतक लग जाता है।

सूतक एक परंपरा है, जिसके लगने पर मंदिर आदि धर्मिक स्थानों पर जाने पर पाबंदी लग जाती है। ऐसा तब भी माना जाता है जब कोई शख्स मृतक के परिवार में से किसी को छू लेता है। मृतक के परिवारवालों को भी इस दौरान मंदिर या किसी धर्मिक स्थान पर जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। दक्षिण कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक बीआर रविकांतइगौड़ा ने टीओआई को बताया कि जब अलासप्पा के बेटे को उसके पिता की मौत के बारे में पता चला तो वह मदद के लिए रोने लगा, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया, यहां तक की उसके करीबियों ने भी  उसकी मदद नहीं की।

उन्होंने बताया- ”अलासप्पा का घर ऊपर पहाड़ी पर है। उसके बेटे के लिए यह असंभव था कि वह अपने पिता के शव को घर तक ले जा पाता। हालांकि वह मदद के लिए रोया लेकिन कोई नहीं आया, तब पुलिस ने उसकी मदद की।” पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी लगी है कि सब-इंस्पेक्टर प्रकाश, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर रवि और एक होमगार्ड संदेश मौके पर पहुंचे और वहां से शव को कंधा देकर ले गए।