गावकुशी रोकने जारिहाना तरीक़े इख़तियार करने की हिदायत

ईद उलअज़हा जैसे जैसे क़रीब आती जा रही है वैसे वैसे शरपसंद अनासिर भी शहर के हालात को बिगाड़ने की कोशिशों में मसरूफ़ होगए हैं।

इस सिलसिले में पिछ्ले रोज़ शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक बेगमबाज़ार में एक मीटिंग मुनाक़िद की गई थी जिस में 15 हिंदू मज़हबी रहनुमाओं के साथ शहर के एक एम एलए ने भी शिरकत की थी।

इस मीटिंग में मौजूद तक़रीबन 300 हिंदू नौजवानों की कौंसलिंग की गई और उनके ज़हनों को मस्मूम करते हुए गाव माता की रखशा के नाम पर उन्हें जारिहाना तर्ज़ अमल इख़तियार करने की ताकीद की गई।

दरअसल एक इत्तेला मिलने पर राक़िम उल-हरूफ़ ने भी इसी मीटिंग में शिरकत की और मुक़र्ररीन की इश्तिआल अंगेज़ ज़हनी तर्बीयत का मुशाहिदा और उनकी तक़रीरें समाअत की। इस मौके पर शरकाए मीटिंग ने कई एक टीमें तशकील दी जिस में एक लीगल टीम एक पुलिस ओहदेदार से ताल मेल करनेवाली टीम एक गाव शाला से ताल्लुक़ रखने वाली टीम एक सियासी असर-ओ-रसूख़ रखने वाली टीम एक रीकवरी के लिए एक्शण टीम और एक सोश्यल मीडीया ऑपरेट करनेवाली टीम शामिल हैं।

हर टीम 15-15 अफ़राद पर मुश्तमिल है। इस मीटिंग में इन टीमों को हिदायत दी गई है कि शहर के अतराफ़ 5 चैकपोस्ट पर 24 घंटे मौजूद रहें और जब भी बड़ा जानवर नज़र आजाए उसे फ़ौरन ज़बत करलिया जाये। इस के अलावा उन्हें हिदायत की गई हैके वो शहर में मोटर साइकिल के ज़रीये गली गली घूम घूम कर बड़ा जानवर तलाश करें और जहां कहीं भी गाव माता नज़र आजाऐं फ़ौरन उसकी तस्वीर लेकर जिस में मज़कूरा मुक़ाम और मकान नंबर भी मौजूद हो उनके कंट्रोल रुम को भेज दी जाये।

इस के लिए वाट्स अप एस एम एस और दुसरे ज़राए का इस्तेमाल किया जाये। क़ारईन को हम बतादें कि उन लोगों ने बाज़ाबता एक कंट्रोल रुम क़ायम किया है जहां उनकी तमाम सरगर्मीयों का अहाता करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए मुताल्लिक़ा टीमों को काम करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है।

इस मीटिंग में जिस में एक एम एलए भी मौजूद थे हिंदू नौजवानों की जारिहाना ज़हन साज़ी करते हुए उन्हें कहा कि गाव माता की रखशा के लिए अगर जान की बाज़ी भी लगा देनी पड़े तो पीछे ना हटीं क्युंकि ये एक पिन का काम है।

इस मीटिंग में मौजूद दूसरी रियासत के एक मुक़र्रर ने अशतामाल अंगेज़ी करते हुए कहा कि जो भी गाय का गोश्त खाता है उसे हिंदूस्तान में नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ बक़रईद तक नहीं बल्कि साल के 365 दिन गाव माता की हिफ़ाज़त की जाये।

इस मौके पर शहर के एक शरपसंद एम एलए ने अपना सेल नंबर देते हुए हिंदू नौजवानों से कहा कि किसी भी हंगामी सूरत-ए-हाल में वो फ़ौरन फ़ोन या एस एम इसके ज़रीया उन से रब्त करें वो फ़ौरन वहां पहुंच जाऐंगे। इस मौके पर एक मज़हबी रहनुमा जो वकील भी हैं ने कहा कि साल 2013 के ईद उलअज़हा के मौके पर पुलिस ने इस हवाले से 129 केसेस दर्ज किए थे।

बहरहाल इस तरह के खुले आम मीटिंग का इनइक़ाद कर के हिंदूओं की मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हन साज़ी की जा रही है और शहर की पुलिस और क़ानून नाफ़िज़ करनेवाली एजेंसीयां ख़ामोश तमाशाई बनी हुई है।

ज़रूरत इस बात की हैके पुलिस ओहदेदार और क़ानून नाफ़िज़ करनेवाली एजेंसीयां एसे शरपंसद अनासिर के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें वर्ना शहर के हालात ख़राब होने का ख़दशा है जिस की ज़िम्मेदारी पुलिस और हुकूमत पर आइद होगी।

वाज़िह रहे कि इस मीटिंग में शरीक 300 अफ़राद में ज़्यादा तर का ताल्लुक़ दुसरे रियासतों से यहां आकर बस जाने वालों की थी और यही लोग इस मीटिंग के ओर्गनिसर और कार्य्य करता भी थे। पुलिस और हुकूमत को चाहीए कि वो इन शरपसंदों पर सख़्त नज़र रखें जो मौजूदा नई हुकूमत के लिए एक चैलेंज बने हीवए हैं।