गुजरात के जेलों में बंद उंची जाति के क़ैदी दलित क़ैदियों का करते हैं उत्पीड़न: रिपोर्ट

गांधीनगर।भाजपा शासित गुजरात के अमरेली जेल में उंची जातियों के कैदियों द्वारा दलित कैदियों का कथित उत्पीड़न किये जाने को लेकर गुजरात के पुलिस महानिरीक्षक को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किया है और छह हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

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नेशनल दस्तक की खबरों के अनुसार पांच जनवरी को सामने आयी खबरों के अनुसार विचाराधीन कैदी के रूप में अमरेली जिला जेल में करीब 110 दिनों तक रहे एक वकील ने अपने निजी अनुभव के आधार पर पूरी कहानी का खुलासा किया है।

इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया की इस खबर का स्वत: संज्ञान में लिया कि जेल में ऐसे कैदियों को नाइंसाफी एवं भेदभाव से गुजरना पड़ता है। आयोग ने खबर का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे कैदी जेल परिसर में लगे RO का पानी भी नहीं पी सकते हैं। आयोग की मानें तो जेल में दलितों के लिए अलग मटका रखा गया है।

एक खबर का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि उत्पीड़न का विरोध करने पर एक दलित कैदी को बुरी तरह पीटा गया। वह कई दिनों तक उठ नहीं पाया। जेल के कर्मचारी उसे अस्पताल नहीं ले गए क्योंकि यह चिकित्सा-कानूनी मामला बन जाता। खबर की बात सही है तो यह कैदियों के जीवन जीने, समानता एवं मर्यादा के अधिकार का उल्लंघन है।

NHRC ने अपने नोटिस में कहा कि इस जेल में दलित कैदियों को मानसिक ओर शारीरक रूप से भी यातनाएं दी जा रही हैं। वहीं आयोग ने जेल प्रशासन पर किसी भी तरह से कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। आयोग ने कहा कि संविधान के अनुसार जाति, पंथ, लिंग और धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, ऐसे में जेल को अपवाद नहीं बनने दिया जा सकता है ।