गुजरात चुनाव में कांग्रेस हार तो गई लेकिन बीजेपी के लिए चिंता की लकीरें खींच गई!

अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना लगभग समाप्त हो चुकी है। सभी 182 सीटों पर परिणाम और रुझान भी आ चुके हैं। परिणामों में बीजेपी 97 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। कांग्रेस के खाते में भी 75 सीटें आ चुकी है।

एेसे में भारतीय जनता पार्टी गुजरात में अपनी सत्ता तो बरकरार रखने में कामियाब हो गई लेकिन इन सब के बीच पार्टी के मठाधीशों के माथे पर बल लाने वाली बात ये है कि बढ़े वोट प्रतिशत के बावजूद भाजपा को पिछले दो विधानसभा चुनावों के मुकाबले कम सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस ने पिछली दफा के मुताबले 14 सीटें ज्यादा हासिल की हैं।

मतगणना से पहले भारतीय जनता पार्टी के आला नेता 150 या उससे भी ज्यादा सीटें लाने का दावा कर रहे थे लेकिन सोमवार को गिनती के बाद उनके दावे की हवा निकल गई। हालांकि पार्टी ने 92 से ज्यादा सीटें पाकर राज्य में राज्य में लगतारा चौथी बार भी अपनी सत्ता बचा ली है। अगर पिछले विधानसभा की बात करें तो पार्टी को इस दफा करीब 18 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है।

जबकि कांग्रेस पार्टी 12 सीटों का फायदा हुआ है। हालांकि निर्वाचन आयोग के मुताबिक अभी दोनों ही दल दो-दो सीटों पर लीड़ कर रहे हैं। एेसे में कांग्रेस-भाजपा के बीच जीत-हार का अंतर और बढ़ जाएगा।

साल 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 115 सीटें मिली थीं और उसका वोट शेयर 48.30 प्रतिशत था। जबिक इस बार पार्टी ने 99 सीटों पर कब्जा किया है और पार्टी के खाते में 49.01 फीसदी वोट आए।

एेसे में पिछली दफा के मुकाबले पार्टी को 0.71 प्रतिशत वोट ज्यादा मिला था। बढ़ी हुई वोट शेयरिंग के बाद भी भाजपा की 18 सीटें कम आई हैं। जबिक साल 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 49.12 फीसदी वोट पाकर 117 सीटें जीती थीं।

भलेही इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में जीएसटी, एंटी इनकमबेंसी और नोटबंदी जैसे मुद्दे कांग्रेस की नैया पार नहीं लगा पाए हो लेकिन राज्य में पार्टी के प्रदर्शन में लगातार सुधार आ रहा है।

साल 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 59 सीटें मिली थीं। उस दौरान पार्टी का वोट शेयर 39.63 था। इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की वोट शेयरिंग में लगभग एक फीसदी (40.59) का इजाफा हुआ और उसे 61 सीटें मिलीं।