गुजरात झड़पों के दौरान पुलिस की ज़द-ओ-कूब की इत्तेलात सहाफ़ीयों के तहफ़्फ़ुज़ में इज़ाफ़ा ज़रूरी

नई दिल्ली: गुजरात झड़पों के दौरान पुलिस की जानिब से एहतेजाजियों पर जबर-ओ-तशद्दुद की जो झलकियाँ दुनिया-भर में देखी गई है इन में सहाफियों को जो इन वाक़ियात की रिपोर्टिंग के लिए वहां गए हुए थे कई बार पुलिस की लाठीयां सहनी पड़ी उऩ्हें आबी तोप का भी सामना करना पड़ा जो एहतेजाजियों को मुंतशिर करने के लिए पुलिस की जानिब से इस्तेमाल की गई थी।

इन तमाम मनाज़िर को देखते हुए इस बात की एहमियत और भी ज़्यादा हो जाती है कि सहाफ़ीयों के हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात में शिद्दत पैदा की जाये जिनका किसी से भीकोई ताल्लुक़ नहीं होता। वो सिर्फ़ वाक़ियात की इत्तेला देने के लिए ऐसे मुक़ामात पर जाते और ख़तरों का सामना करते हैं।