गुजरात दंगेः गैर मुल्क के शहरियों को जलाने वाले मुल्ज़िम भी बरी

साल 2002 गुजरात दंगों से जुड़े एक केस के सभी छह मुल्ज़िमों जुमे के रोज़ सबूतों की कमी की वजह से बरी कर दिया गया. इन छह लोगों पर तीन गैर मुल्की शहरियों और उनके ड्राइवर को कार में ही जिंदा जला देने का इल्ज़ाम था. यह वाकिया साबरकांठा जिले के वडवासा पाटिया की थी.

गौरतलब है कि आज से ठीक 13 साल पहले 28 फरवरी 2002 को साबरकांठा जिले के वडवासा पाटिया के पास एक कार में चार लोगों को जिंदा जला दिया गया था. इनमें से तीन दूसरे मुल्क के शहरी थे और यूके ( UK) से अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे जबकि चौथा शख्स इनका ड्राइवर था.

इस मामले की जांच में शुरू में ढिलाई बरती गई थी. लेकिन यूके की ओर से सिफारती दबाव के बाद पुलिस ने चुस्ती दिखाई. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात द‍ंगे से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी की तश्कील कर दी.

एसआईटी ने गुजरात दंगों से जुड़े 9 मामले दर्ज किए, जिनमें से वडवासा पाटिया भी एक था. इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो कि जमानत पर हैं. आज उन सभी को सबूतों की कमी में बरी कर दिया गया.