गोरखपुर- हमें पता था परिवार को किया जाएगा टारगेट: डॉ. कफील

पिछले साल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 63 बच्चों की मौत मामले में आरोपी डॉ. कफील खान के भाई कासिफ जमील पर रविवार रात बाइक सवार कुछ बदमाशों ने गोलियां चलाईं। उनके हाथ, गर्दन और चेहरे पर चोटें आई हैं। जमील को गोरखपुर के स्टार अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद डॉ. कफील ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि हम हमेशा जानते थे कि वे हमें मारने की कोशिश करेंगे। मुझे पता था कि मेरे परिवार को टारगेट किया जाएगा।

जमील अपने दोस्त के साथ रविवार रात 9:45 बजे स्कूटी पर आ रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन्हें रास्ते में रोका और गोरखधम पुल के पास उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जमील को 3 गोलियां मारीं। एक गोली बांह में लगी, और एक गोली गले के पास जा धंसी।

इस मौके पर डॉ. कफील ने गोरखपुर पुलिस पर भी निशाना साधा और कहा कि पुलिस उन्हें सरकारी अस्पताल में मेडिकल करने के लिए मजबूर कर रही है, जबकि ये पहले ही हो चुका है।

उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में मेडिको लीगल कराया गया है, लेकिन एसएसपी चिकित्सा बोर्ड द्वारा मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में एक और मेडिको लीगल के लिए मजबूर कर रहे हैं। उन्हें बड़ी ताकत मिली हुई है, जो हमें जाने नहीं दे रही है। अभी जमील के गले में फंसी बुलेट को हटाने की जरूरत है। यह एक आपातकालीन स्थिति है।हालांकि अब डॉक्टर्स का कहना है कि जमील खतरे से बाहर हैं। गोरखपुर कांड में आरोपी बनाए जाने के बाद डॉ. कफील हाल में ही इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं। वो करीब 8 महीने तक जेल में रहे। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने उस दिन जो भी किया वो एक पिता, डॉक्टर और एक सच्चा हिंदुस्तानी होता वो करता। मैंने तो बच्चों को बचाने की कोशिश की थी।