गोवा, मणिपुर में भाजपा के सरकार बनाने पर विपक्ष ने किया वाकआउट

लोकसभा में कांग्रेस और यूपीए के सहयोगियों ने आज भाजपा का गोवा और मणिपुर में सरकार स्थापित करने के कथित प्रयासों का जोरदार विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में उन्होंने दो बार सदन से वाक आउट किया।

जुझारू कांग्रेस ने बार-बार प्रश्न काल के दौरान इस मुद्दे को उठाने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ‘सुमित्रा महाजन’ ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

दोनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी न होने के बावजूद भी गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के भाजपा के प्रयासों का कांग्रेस द्वारा विरोध किया जा रहा था।

कांग्रेस, एनसीपी और आरएलडी के सदस्यो ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। सदन में कांग्रेस नेता ‘मल्लिकार्जुन खड़गे’ ने दावा किया कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

अध्यक्ष ने कहा, वे प्रश्नकाल को बाधित नहीं कर सकते और सदस्यों को शून्यकाल में ही मामले उठाने की अनुमति है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा कि अगर उन्हें सदन में मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं है, तो वे कहां जाएं ?

वित्त मंत्री ‘अरुण जेटली’ ने कहा कि कांग्रेस नेता ने “मजबूत शब्दो” का इस्तेमाल किया है । उन्हें या तो खारिज किया जाना चाहिए या सरकार को जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए।

अध्यक्ष ने कहा, “प्रश्नों और उत्तरों से अलावा वे कुछ भी रिकॉर्ड होने की अनुमति नहीं दे सकती।”

कांग्रेस, एनसीपी और आरजेडी के सदस्यों ने फिर संसद से वाकआउट किया।

सदन में वापसी के बाद जब  शून्यकाल नहीं लिया गया तब कांग्रेस के सदस्यों ने फिर से इस मुद्दे को उठाने की मांग की और विधायी व्यवसाय शुरू हो गया ।

जब खड़गे ने गोवा गवर्नर के भाजपा को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने के बारे में बात करने की मांग की तब महाजन ने कहा, “आप राज्यपाल के बारे में चर्चा नहीं कर सकते … यह एक संवैधानिक प्राधिकरण है”।

कांग्रेस के सदस्यो ने तब दूसरी बार 1240 घंटे पर सदन से वाकआउट किया ।