गोहत्‍या के आरोप में मुस्लिम को किया था गिरफ्तार, यूपी पुलिस ने गलती मानते हुए छोड़ा

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक व्यक्ति को गोहत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। लेकिन उक्त व्यक्ति के बेगुनाह होने की जानकारी होने पर पुलिस ने मामले को रद्द करते हुए आरोपी व्यक्ति को जल्द ही रिहा करने की बात कही है। फिलहाल आरोपी व्यक्ति आजमगढ़ जेल में बंद है। खबर के अनुसार, आजमगढ़ के शाहपुर बाजार इलाके में रहने वाले मोहम्मद मकसूद (40 वर्षीय) को बीते रविवार पुलिस ने गोहत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति एक सांड को मारने के लिए लेकर जा रहा है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी मोहम्मद मकसूद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से मकसूद का वाहन भी सीज कर दिया था। पुलिस ने मकसूद के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रीवेंशन ऑफ काऊ स्लॉटर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

मकसूद की गिरफ्तारी के बाद सुशील कुमार दूबे नामक एक स्थानीय व्यक्ति पुलिस के पास पहुंचा और उसने बताया कि मकसूद सिर्फ घायल सांड को उनकी गौशाला में लेकर आ रहा था। सुशील ने बताया कि उन्होंने ही मकसूद से ऐसा करने को कहा था। इसके बाद पुलिस ने कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मकसूद को गिरफ्तारी के बाद छोड़ दिया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों के दबाव के बाद मकसूद को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

वहीं मकसूद के परिजनों का कहना था कि वह बेगुनाह है और उसे झूठे केस में फंसाया जा रहा है। उन्होंने मकसूद की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन भी किया। इसके बाद आजमगढ़ के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस रवि शंकर छबि ने इस मामले में जांच के आदेश दिए और रिपोर्ट जल्द ही पेश करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने मामले की जांच की और यह पाया कि मकसूद हादसे में घायल हुए सांड को सिर्फ गौशाला लेकर जा रहा था। बता दें कि मकसूद का बचाव करने वाले सुशील कुमार दूबे ने पुलिस को एक हलफनामा दाखिल कर बताया है कि मकसूद बेगुनाह है। पुलिस का कहना है कि मकसूद का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसके खिलाफ कोई मामला भी नहीं दर्ज है

साभार- जनसत्ता