गौ संरक्षण के लिए एक नया पशुपालन मंत्रालय का हुआ गठन, गिरिराज सिंह को सौंपा गया कमान

नई दिल्ली : मोदी 2.0 कार्यकाल के पहले दिन गौ संरक्षण के लिए एक नया पशुपालन मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय की कमान ऐसे नेता को सौंपी है, जो पहले से ही गौं संरक्षण की वकालत करते हैं जी हां आपने सही पहचाना बिहार के बेगूसराय से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह को इसकी कमान मिली है। पहले यह कृषि मंत्रालय के अधीन एक विभाग के रूप में काम करता था। गिरिराज सिंह को पीएम ने पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन मंत्री बनाया है जबकि यूपी के मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान और ओडिशा के बालासोर से जीतकर आए बजरंग दल के नेता प्रताप चंद्र सांरगी को इसी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया है। गिरिराज सिंह पहले भी बिहार की नीतीश काउंटर में पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन मंत्री रह चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नए मंत्रालय को गिरिराज सिंह को आवंटित किया। गिरिराज सिंह ने पिछले साल आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार की उस टिप्पणी का समर्थन किया था जिसमें कहा गया था कि गोमांस के सेवन पर प्रतिबंध लगाने से अपराध कम होंगे। विशेष रूप से माब लिंचिंग की घटनाएं नहीं होगी। 2015 में भी गिरिराज सिंह ने गाय और बकरी का मांस खाने वालों के बीच अंतर बताते हुए कहा था कि यह उसी रिश्ते की तरह है जैसे एक इंसान का रिश्ता पत्नी और बहन के साथ होता है।

गिरिराज सिंह ने तब कहा था, “जो लोग बकरे का मांस खाते हैं, क्या उन्हें कुत्ते का मांस दिया जाएगा तो खाएंगे? भारतीय अपनी माँ और बहन के रिश्ते को पवित्र मानते हैं… उसी तरह हमें भी गौ माता के साथ वही श्रद्धा भाव रखना चाहिए।” पशुपालन राज्य मंत्री बनाए गए संजीव बलियान भी गौकशी और गोतस्करी के खिलाफ बयानों के लेकर सुर्खियों में रहे हैं। साल 2015 में यूपी के दादरी में बीफ खाने के शक पर भीड़ द्वारा मारे गए अखलाक केस में बलियान ने कहा था कि बीफ के शक में हुई मॉब लिंचिंग को साम्प्रदायिक नहीं कहा जा सकता।

उन्होंने कहा था, मैं इस मसले को साम्प्रदायिकता के तौर पर नहीं देखता बल्कि यह सामाजिक मुद्दा है जो हिन्दू समुदाय की भावना के साथ जुड़ा हुआ है। सारंगी भी बजरंग दल से जुड़े रहे हैं जो गोकशी, गोतस्करी का विरोध करता रहा है। उन पर आस्ट्रेलियाई मिशिनरी ग्राहम स्टेन्स और दो बच्चों की हत्या करवाने का आरोप लगा था लेकिन बाद में वो मामले से बरी हो गए थे।