चुनाव आयोग ने कानून में सुधार के लिए केंद्र सरकार को 47 प्रस्ताव भेजे

चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को चुनावों में कालाधन के इस्तेमाल और गैर-कानूनी गतिविधियों को खत्म करने के लिए नए प्रस्ताव भेजे हैं। इस प्रस्ताव में राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए रिश्वत देने जैसे मामलों को अमान्य घोषित करने की मांग की गई है। चुनाव आयोग ने इस विषय पर कानून मंत्रालय से पत्र लिखकर जवाब मांगा है।

इस बात की जानकारी 3 नवंबर को  मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ‘नेशनल इंटरेक्टिव कॉन्फ्रेंस ऑफ इलेक्टोरल लॉ’ को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि आयोग के विधि शोधार्थी कानूनी विशेषज्ञों और संस्थानों के साथ मिलकर जनप्रतिनिधि कानून की विस्तृत समीक्षा पर गौर कर रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त  यह भी कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करना और  स्वच्छ चुनावी प्रक्रिया को बनाए रखना ही चुनाव आयोग का उद्देशय है। उन्होंने ‘इलेक्टोरल रिफोर्म्स’ को स्वच्छ चुनावी प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया।

उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर बहुत सही तरीके से गौर करने की जरूरत है। हम कानून में सुधार संबंधी 47 प्रस्तावों को भेजकर खुश हैं। इन प्रस्तावों में राजनीति में आपराधिकरण को खत्म करने, काले धन के इस्तेमाल को समाप्त करने, राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाने, पेड न्यूज को आपराध की श्रेणी में डालने और वोट के लिए मतदाताओं को रिश्वत देने जैसे कई मामलों को आपराध की श्रेणी में डालने की मांग की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने रिश्वतखोरी, पैसों का गलत इस्तेमाल और बूथ कैप्चरिंग जैसे मामले पाए जाने पर चुनावों को अमान्य घोषित करने के अधिकार की मांग की है।