जगन किरण बाबू अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम को रोक नहीं सकते:के सी आर

एन किरण कुमार रेड्डी बहैसीयत चीफ़ मिनिस्टर सिर्फ़ 6 अक्तूबर तक बरक़रार रहेंगे। 6 अक्तूबर को वो अपनी तमाम क़ुव्वत यक़ीनी तौर पर खोदींगे। फ़िलहाल उनके तमाम तार कमज़ोर पड़ चुके हैं जो 6 अक्तूबर को टूट जाऐंगे।

सदर टी आर एस के चन्द्र शेखर राव‌ ने ये बात कही।हैदराबाद को मसला बनाने की सूरत में कई मसाइल पैदा होसकते हैं। तहरीक तेलंगाना से वाबस्ता तमाम तबक़ात 10 अज़ला पर मुश्तमिल अलाहिदा रियासत के हक़ में हैं।

सदर तेलंगाना राष़्ट्रा समीती के चन्द्र शेखर राव‌ ने आज निज़ाम कॉलेज ग्राउंड पर मुनाक़िदा तेलंगाना सकाला जना भेरी में शरीक लाखों अफ़राद से ख़िताब के दौरान ये बात कही।

उन्होंने बताया कि लाखों जगन, किरण और बाबू मिल कर भी अलाहिदा रियासत की तशकील को नहीं रोक पाएंगे। उन्होंने बताया कि जय मुत्तहदा आंध्र के लिए जो लोग हड़ताल कररहे हैं, वो रास्त चीफ़ मिनिस्टर के इशारों पर काम कररहे हैं।

के सी आर ने चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी को मुत्तहदा आंध्र जय ए सी क़ाइद क़रार देते हुए कहा कि चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे को किरण कुमार रेड्डी एक इलाके की बात करते हुए पामाल कररहे हैं।

उन्होंने किरण कुमार रेड्डी से स्तीफ़ा का मुतालिबा करते हुए कहा कि अगर वाक़ई वो मुत्तहदा रियासत के लिए तहरीक चिल्लाना चाहते हैं तो ओहदे से मुस्ताफ़ी होते हुए अपना शौक़ पूरा करें।

के चन्द्र शेखर राव‌ ने सदर तेलुगु देशम एन चंद्राबाबू नायडू को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि चंद्राबाबू नायडू मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से तशकील तेलंगाना में रुकावट पैदा करने की कोशिश कररहे हैं।

उन्होंने तहरीक तेलंगाना में शामिल तमाम मह्कमाजात से इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए कहा कि अलाहिदा रियासत के हुसूल के लिए तेलंगाना के हर तबक़ा ने तआवुन किया है।

उन्होंने पानी की तख़सीस में तेलंगाना से हुई नाइंसाफ़ीयों का तज़किरा करते हुए कहा कि तेलंगाना पिछ्ले कई दहाईयों से नाइंसाफ़ीयों का शिकार रहा।

के चन्द्र शेखर राव‌ ने बताया कि हैदराबाद पर हक़ जताने की कोशिश करने वालों को चाहीए कि वो सूरत-ए-हाल को बेहतर अंदाज़ में समझें चूँकि जिस अंदाज़ में उन्हें वरग़लाया जा रहा है, वो साफ तौर पर ग़लत है।

सदर टी आर एस ने नायडू से काहा कि जब तेलंगाना मुलाज़मीन हड़ताल कररहे थे तो उस वक़्त वो कहाँ थे? क्या तेलंगाना अवाम अवाम नहीं हैं जो उनके लिए नायडू ने आवाज़ नहीं उठाई थी?