जनवरी-मार्च में भारत की जीडीपी पांच साल के निचले स्तर 5.8% पर आई; बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा!

भारत की आर्थिक विकास दर जनवरी-मार्च 2018-19 में पांच साल के 5.8 प्रतिशत के निचले स्तर तक फिसल गई जिससे कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन रहा। आधिकारिक डेटा शुक्रवार को जारी किया गया।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत से कम थी। 2014-15 के बाद से जीडीपी की वृद्धि सबसे धीमी थी, जो 2013-14 में पिछली कम 6.4 प्रतिशत थी।

दूसरी ओर, चीन ने जनवरी-मार्च 2019 की तिमाही में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेज प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया।

जबकि मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि नवीनतम श्रम सर्वेक्षण की तुलना पिछले वाले से नहीं की जा सकती है और कहा कि वह “दावा नहीं करना चाहता है कि यह 45 साल कम या अधिक है” क्योंकि यह एक अलग मैट्रिक्स है, आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मंदी एनबीएफसी खंड में तनाव जैसे अस्थायी कारकों के कारण थी।

सरकार ने यह भी खुलासा किया कि देश में 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी कुल श्रम शक्ति का 6.1 प्रतिशत है, जो 45 वर्षों में सबसे अधिक है। विशेष रूप से, श्रम मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों ने चुनाव पूर्व लीक रिपोर्ट में अनुमानित बेरोजगारी दर की पुष्टि की।