जब कोई सवाल करता है भाजपा की नजर में वह राष्ट्रविरोधी और पाकिस्तानी हो जाता है: गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली: नोटबंदी पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गुरुवार को खासा हंगामा हुआ। विशेषकर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कुछ बयानों को लेकर। भाजपा ने नोटबंदी से हुई मौतों को उड़ी हमले में मारे गए सैनिकों से जोड़ने को लेकर आजाद की कड़ी आलोचना की और बिना शर्त माफी की मांगने को कहा। लेकिन कांग्रेस ने कहा कि आजाद माफी नहीं मांगेंगे। इसके बाद आजाद के बयान को सदन की कार्यवाई के रिकोर्ड से हटा दिया गया।

दरअसल, राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी के चलते देशभर में हुई मौतों की तुलना उड़ी हमले से किया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की गलत नीतियों के चलते देश में 40 लोगों को मारे गए हैं, जो उरी आतंकी हमले में जान देने वाले 20 सैनिकों से दोगुना है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति सवाल करता उसे भाजपा के लोग राष्ट्रविरोधी या पाकिस्तानी कहने लगते हैं। आप पाकिस्तान में शादी और समारोह में शामिल होते हैं। उनके लिए रेट कार्पेट बिछाते हैं। आप हमें यह कह रहे हैं। आजाद ने उसके बाद सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि यह देश में पहली बार हो रहा है जब एक सरकारी फरमान की वजह से जनता को ऐसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि हम कालेधन की लगाई में सरकार के साथ हैं। जो काला धन विदेशों में है उसे वापस लाया जाना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वो विदेशी बैंको में जमा कालेधन को वापस लाएंगे और हर भारतीय नागरिक को 15 लाख रुपये देंगे। लेकिन अबतब एक फूटीकौड़ी भी नहीं आया।

आजाद के इस बयान के बाद संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने इसे कार्यवाही से हटाने का मांग किया। उन्होंने कहा कि सदन में खड़े होकर ऐसा बयान देना अपमानजनक है। गुलाम नबी आजाद एक जिम्मेदार नेता हैं, उन्होंने बड़ी भूल की है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। लेकिन आजाद अपने बयानो पर अड़े रहे। इसके बाद सदन में काफी हंगामा हुआ। इसके बाद हंगामा बढ़ता कि सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।