सऊदी दरबार के राज़ों से पर्दा उठाने वाले ब्लागर मुजतहिद ने देश में और देश से बाहर सऊदी अरब के विरोधी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी के परिवार की स्थिति को उजागर किया है।
मुजतहिद ने ट्वीट किया कि आलोचक पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी का परिवार सऊदी अरब में ज़बरदस्ती रह रहा है। उनका कहना था कि ख़ाशुक़्जी के परिवार को ज़बरदस्ती देश में रोके रखा गया है।
मुजतहिद का कहना है कि जमाल ख़ाशुक़्जी के परिवार के समस्त टेलीफ़ोनों को टेप किया जाता है और उनके आने जाने पर अधिकारियों की कड़ी नज़र है। सऊदी अधिकारियों ने सरकारी तौर पर स्वीकार कर लिया है कि 2 अकतूबर से लापता पत्रकार जमाल ख़ाशुकजी की मौत हो गई है।
रियाज़ सरकार ने अपने बयान में दावा किया है कि इस्तांबूल में काउंसलेट की इमारत के भीतर एक दर्जन से अधिक सऊदी अधिकारियों से जमाल ख़ाशुक़जी की लड़ाई हो गई जिसके दौरान ख़ाशुक़जी की मौत हो गई। ख़ाशुक़जी और अधिकारियों के बीच बातचीत के दौरान हाथापायी शुरू हो गई और ख़ाशुक़जी की मौत हो गई।
मुजतहिद ने अपने ट्वीट में सऊदी अधिकारियों की ओर संकेत करते हुए लिखा कि जमाल ख़ाशुक़्जी के वह परिवार वाले जो विदेश में रहते हैं, हमेशा से आतंकवाद का शिकार रहे हैं, परिवार के इन सदस्यों के पास शक्ति नहीं है क्योंकि सऊदी अधिकारी हमेशा उनसे ग़ुंडा टैक्स उसूल करते हैं और कहते हैं कि यदि उक्त काम न किया तो सऊदी अरब में मौजूद परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की उनकी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।
सऊदी सरकार को इस बात का पता चलने के बाद कि विरोधी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी का एक पुत्र इस्तांबोल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में अपने पिता की पाश्विक हत्या के मामले को अदालत में ले जाने वाला है, दो दिन पहले सऊदी नरेश शाह सलमान और क्राउन प्रिंस बिन सलमान ने ख़ाशुक़्जी के घरवालों से मुलाक़ात की थी।
मंगलवार की शाम शाह सलमान और बिन सलमान ने मारे गये सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी के घरवालों से शाही महल में मुलाक़ात की। शाह सलमान और क्राउन प्रिंस ने तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान के मंगलवार के संसद में भाषण के बाद जमाल ख़ाशुक़्जी के परिजनों से मुलाक़ात की।
अभी शाह सलमान और बिन सलमान की जमाल ख़ाशुक़्जी के परिजनों से शाही महल में मुलाक़ात की तस्वीरें मीडिया में आई ही थीं कि सऊदी अरब के मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं ने उस पर कमेंट शुरु कर दिए।
एक अरब इन्टरनेट यूज़र अमादो ने इन तस्वीरों पर कमेंट करते हुए लिखा कि सऊदी अधिकारी बलि के बकरे को मार देते हैं, उसकी शव यात्रा में शामिल होते हैं, यह बहुत ही खेदजनक काम है, सऊदी अरब और उसका उच्च स्थान, इस प्रकार का नीच काम अंजाम देता है।
एक अन्य अरब कार्यकर्ता करम सब्री ने ट्वीट किया कि शोक सभा का यह प्रचलन है कि लोग मरने वालों के घर जाते हैं और उसके परिजनों को सांत्वना देते हैं, न यह कि मृतक के परिवार को तलब किया जाए ताकि उसे सांत्वना दी जाए।
एक अन्य अरब कार्यकर्ता सैफ़ बिन सलाह ने भी ट्वीट किया कि हत्यारे जमाल ख़ाशुक़्जी की संतान को मजबूर कर रहे हैं ताकि वे उनके साथ फ़ोटो खिंचवाएं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा कि अच्छा और बढ़िया वस्त्र मुलाक़ात के लिए चुना गया।
साभार- ‘parstoday.com’