जम्‍मू कश्‍मीर में राज्यपाल ने विधानसभा भंग की, सरकार बनाने की सारी संभावना खत्म

जम्‍मू कश्‍मीर में पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सरकार बनाने की तैयारी कर ली है. इन तीनों पार्टियों ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लेटर भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. सूत्रों के मुताबिक, कुल 56 विधायकों के साथ पार्टियों ने नई सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है.

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सत्यपाल मलिक को भेजे लेटर में लिखा है कि मीडिया में आई खबरों से आपको यह पता चल गया होगा कि कांग्रेस और NC ने PDP को सपोर्ट करने का फैसला किया है.

ऐसा लग रहा है कि बीजेपी किसी भी सूरत में जम्मू-कश्मीर हाथ से निकलने नहीं देना चाहती है. पहले जहां पीडीपी ने सरकार बनाने के दावा पेश किया. वहीं सज्जाद लोन की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी बीजेपी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाने का दावा कर दिया है.

पीडीपी के बागी नेता इमरान अंसारी का दावा कि है कि पार्टी के 18 विधायक उनके साथ हैं. इससे पहले बुधवार सुबह यह खबर आई थी कि पीडीपी के नेता मुहम्मद बेग भी सज्जाद लोन के सपोर्ट में आ गए हैं. अब सारा दारोमदार गवर्नर सत्यपाल मलिक पर है.

कौन बनेगा पीडीपी की सीएम?

महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP के सीनियर नेता अल्ताफ बुखारी सीएम बन सकते हैं. बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्लाह के साथ बैठक के बाद बुखारी का नाम फाइनल किया गया.

बुधवार को बैठक के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा, यह पक्का हो चुका है कि तीनों पार्टियां (कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस) गठबंधन करके राज्य की खास पहचान को बचाए रखने का प्रयास करेंगी. बहुत जल्द आपको अच्छी खबर मिलेगी.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी द्वारा पीडीपी के विधायकों को तोड़ने की कोशिशों को देखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है. बीजेपी तोड़े गए विधायकों की मदद से अपने सहयोगी सज्‍जाद लोन की पार्टी पीपुल्‍स कांफ्रेंस के नेतृत्‍व में सरकार बनाने की कोशिशें कर रही हैं.

19 दिसंबर को खत्म होगा राज्यपाल शासन

राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन है. 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन की 6 महीने की मियाद पूरी हो रही है. और इसे और अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 87 सदस्यीय विधानसभा को भंग नहीं करने का फैसला किया है. ऐसे में 19 दिसंबर तक यदि कोई पार्टी सरकार बनाने पर सहमत नहीं होती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लाया जा सकता है.

इस साल 16 जून को पीडीपी-बीजेपी गठबंधन से बीजेपी अलग हो गई थी. जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है.