जानिए, कौन है, अमेरिका में नियुक्त सऊदी अरब की राजकुमारी रिमा बिंत बंदार

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) इन दिनों दुनिया के विभिन्न देशों की यात्रा कर अपने देश को अंतरराष्ट्रीय मंच में नए मुकाम पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।

वे भारत, चीन और पाकिस्तान से बड़े व्यापारिक समझौते कर चुके हैं और तमाम चुनौतियों के बीच देश की पारंपरिक छवि को तोड़ने में काफी हद तक कामयाब हुए हैं।

ज़ी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में आलोचना झेल रहे एमबीएस सऊदी अरब में कई साहसिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। इनमें महिलाओं को टैक्सी चलाने की इजाजत और देश में कई मनोरंजन के संसाधनों में बढ़ोत्तरी शामिल है।

उन्होंने सरकार में धार्मिक दखल तक को कम किया है। सऊदी अरब के एक नए फैसले ने दुनिया को एक बार फिर चौंका दिया है। शाही परिवार की राजकुमारी रिमा बिंत बंदार पहली महिला हैं जिन्हें सऊदी अरब ने अमेरिका में अपना राजदूत नियुक्त किया गया है।

आमतौर पर जब कोई नई नियुक्ति होती है तो उसकी वजह पहले से बैठे व्यक्ति को किसी वजह से हटाया जाना होता है। इस मामले में ऐसा नहीं है। अभी अमेरिका में नियुक्त सऊदी अरब के राजदूत राजकुमार खालिद बिन सलमान थे जिन्हें हटाने के बाद उन्हें देश का उप रक्षा मंत्री बनाया गया है।

उन्हें अब बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उनकी तरक्की हुई है। इससे साफ है कि राजकुमारी रिमा की नियुक्ति किसी की जगह नहीं की गई है बल्कि एक रणनीति और खास कूटनीतिक फैसले के तहत ही उन्हें अमेरिका का राजदूत बनाया गया है।

इस फैसले से रियाद ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर अमेरिका में सऊदी अरब, खासतौर पर युवराज एमबीएस के खिलाफ काफी नाराजगी का महौल है।

अमेरिका में कई लोग यही मानते हैं कि सऊदी अरब का शाही परिवार अपने विरूद्ध किसी भी तरह की खिलाफत बर्दाश्त नहीं कर सकता। जो भी आवाज सऊदी अरब सरकार के खिलाफ (यानि शाही परिवार के खिलाफ) उठती है, उसे निर्ममता से दबा दिया जाता है।

इस फैसले से रियाद ने अमेरिका में इस धारणा को तोड़ने की कोशिश की है जिसके मुताबिक कट्टरपंथी इस्लामिक देश होने के नाते सऊदी अरब में महिलाओं के सीमित अधिकार हैं।

रिमा बिंत बंदार अमेरिका से पहले ही वाकिफ हैं। वे कई सालों तक वाशिंगटन में रहीं हैं जहां उन्होंने जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से म्यूजियम स्टडीज में डिग्री हासिल की है।

इसके अलावा उनके पिता युवराज बंदार बिन सुल्तान अमेरिका में 1983 से 2005 तक सऊदी अरब के राजदूत रहे चुके हैं। वे बुश परिवार के काफी नजदीकी माने जाते रहे हैं।

इस लिहाज वे न केवल अमेरिका को समझती हैं बल्कि उनके पिता का अनुभव भी उन्हें एक खास तरह की कूटनीतिक परिपक्वता जरूर देता है जो कि उनके अब तक के व्यवसायिक और सामाजिक कार्यों में दिखाई भी देता है।