टाईम्स अॉफ इंडिया पोल: देश के लोगों की राय में फ़र्ज़ी था भोपाल एनकाउंटर

भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल से भागे आठ क़ैदियों को तीन दिन पहले एक “फ़र्ज़ी” एनकाउंटर में पुलिस ने मार डाला. इस एनकाउंटर के बाद जो कड़ियाँ मिली हैं उससे सभी इस पसोपेश में हैं कि ये एनकाउंटर असली था या नक़ली. इसी को लेकर टाइम्स ऑफ़ इंडिया वेबसाइट ने एक पोल शुरू किया है जिसमें वो दर्शकों से सवाल पूछ रहे हैं कि आपको क्या लगता है क्या एनकाउंटर रियल था?. इस सवाल का जवाब तीन विकल्पों के आधार पर दिया जा सकता है.

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अभी तक रिजल्ट के नतीजों में लोगों ने ये राय दी है कि एनकाउंटर फ़र्ज़ी था. 50% लोगों का कहना है कि एनकाउंटर फ़र्ज़ी था जबकि 44% का कहना है कि एनकाउंटर सही था. 6% लोगों ने इस बारे में कोई राय ज़ाहिर नहीं की है.

जो क़ैदी फ़”फ़र्ज़ी” एनकाउंटर में मारे गए हैं सभी गंभीर इल्ज़ामों में आरोपी थे लेकिन इनमे से किसी पे आरोप साबित नहीं हुए थे. ये सभी आतंकवाद के गंभीर इलज़ाम में बंद थे और मुल्क की अदालतों में इनके ख़िलाफ़ मुक़दमे भी चल रहे थे.

जहां पहले लोग इसी बात पर सवाल उठा रहे थे कि ये लोग जेल से भागे कैसे तो इस पर मध्य प्रदेश के मंत्री अजीब ओ ग़रीब से बयान दे रहे थे इनके एनकाउंटर की ख़बर के आते ही सीना फुलाने लगे.
बात लेकिन फिर फँस गयी जब इस एनकाउंटर की सत्यता को झुठलाते कई वीडियो सामने आ गए जिसके बाद प्रदेश सरकार आनन् फानन में उलटी सीधी कहानियां सुनाने लगी. पुलिस से लेकर मध्य प्रदेश सरकार के अलग अलग मंत्रियों तक सबके बयान अलग थलग हैं.

कोई कहता है ताला लकड़ी की चाबी से खुला तो कोई कहता है भागने वाले चादर की रस्सी बनाकर 30 फ़ीट की दीवार फांद गए. इस पूरे मामले में एक जेल कर्मी की हत्या भी की गयी और एक घायल भी हो गया लेकिन गुत्थी इस तरह से हो गयी है कि सरकार जो भी कह रही है सच नहीं मालूम देता है.