ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम संगठनों की एकजुटता देख घबराई मोदी सरकार

नई दिल्ली: मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन आते तलाक की प्रक्रिया ट्रिपल तलाक को खत्म करने करने की कोशिश में जुटी केंद्र सरकार को जहाँ विपक्षी नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है वहीँ देश के मुस्लिम भी इस मामले पर एकजुट होकर अपना विरोध जता रहे हैं। हालाँकि सरकार का कहना है कि वो इस मामले को सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक़ और इन्साफ दिलाने की कोशिश कर रही है इसके पीछे उनका कोई राजनितिक महत्व् नहीं है लेकिन लोग इस ब्यान से संतुष्ट नहीं हैं।

यह शायद इस मामले पर सरकार की तरफ से की जा रही दखलंदाजी की ही नतीजा ही है कि दादरी और बालूमाथ जैसी घटनाओं पर भी पूरी तरह से विरोध दर्ज न करवाने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ट्रिपल तलाक़ को ख़त्म करने के विरोध में एकजुट होकर आवाज़ उठायी है। इसी बात को भांप यूनियन मिनिस्टर वैंकया नायडू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि कुछ लोग ट्रिपल तलाक़ को यूनिफार्म सिविल कोड के साथ जोड़कर देख रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस मुद्दे को राजनितिक बहस न बनाने की बात भी कही।

नायडू ने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि इस बात को लेकर मुस्लिम विरोध क्यों जता रहे हैं और पीएम मोदी को इस सब में क्यों घसीटा जा रहा है?