डीजीपी के हाथ में पहुंची बुलंदशहर हिंसा की जांच रिपोर्ट

बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा की जांच रिपोर्ट गुरुवार को इंटेलीजेंस के एडीजी एसबी शिरडकर ने डीजीपी ओपी सिंह को सौंप दी। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी को तत्काल मौके पर रवाना करते हुए मामले की जांच रिपोर्ट दो दिन में देने का निर्देश दिया था। बताया जा रहा है कि एडीजी ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अफसरों के बयानों को आधार बनाकर रिपोर्ट तैयार की है। मुख्यमंत्री के कल राजधानी लौटने के बाद डीजीपी उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

वहीं आज सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों से पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से संवदेना व्यक्त करते हुए उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि मामले में दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा। मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए परिजनों ने सरकार और उसकी कार्रवाई पर भरोषा जताया।

इज्तेमा में आई अधिक भीड़ पर आयोजकों को डीएम ने थमाया नोटिस

बुलंदशहर के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया बुलंदशहर में आयोजित इज्तेमा में 2 लाख लोगों के आने के लिए अनुमति मांगी गई थी। जबकि इससे कई गुना अधिक भीड़ आई। इसे लेकर जिलाधिकारी द्वारा आयोजकों को नोटिस दिया गया है। वहीं आयोजकों का दावा है कि इस इज्तेमा में 50 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। हालांकि गनीमत रहा कि इसकी वजह से कहीं कोई दिक्कत नहीं आई।

डेढ़ साल में गोकशी के 3650 मामले आए सामने

आईजी अपराध एसके भगत ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश में गोवध निवारण अधिनियम के तहत 3650 मामले दर्ज किए गए। इसमें 10613 अभियुक्तों के नाम सामने आए। 10 हजार अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसमें 2731 अभियुक्तों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई। इसमें 1444 के खिलाफ गुंडा एक्ट, 1221 के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और 60 के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई। वहीं बुलंदशहर में पिछले छह माह में ही गोवध अधिनियम के तहत 8 लोगों के खिलाफ रासुका, 41 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और 23 के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की गई है।