डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा, गैर-जमानती अपराध

हिमाचल में संशोधन बिल का परिचय

हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की लंबे वक्त से की गयी मांग को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को डॉक्टरों की सुरक्षा के विषय में विधानसभा में एक संशोधन बिल पेश किया और उनके खिलाफ की गयी किसी भी तरह की हिंसा को गैर जमानती अपराध बना दिया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ‘कौल सिंह ठाकुर’ ने हिमाचल प्रदेश मेडिकर सेवा और चिकित्सा सेवा संस्थानों (हिंसा की रोकथाम और संपत्ति को क्षति) 2017 में संशोधन पेश किया। यह संशोधन 2009 के ‘मेडिकेयरअधिनियम’ मैं किया गया है।

जेल की सजा

संशोधित बिल में डॉक्टरों के खिलाफ किये गए किसी भी अपराध को दंडनीय और गैर जमानती घोषित करने के साथ, इन अपराधों के लिए तीन साल की कारावास का प्रावधान भी किया गया है । 2009 के अधिनियम की धारा 4 को हस्तक्षेप-योग्य तो माना जाता था परंतु इसमें जमानत का भी प्रावधान था परंतु इस संशोधन के साथ ऐसे सभी अपराध गैर जमानती हो जायेंगे। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन लंबे समय से मांग कर रहा था कि इस अधिनियम में संशोधन किया जाये और ड्यूटी पर डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को देखते हुए अपराध को गैर जमानती बनाया जाए।