तेज बहादुर बोले- चुनाव न लड़ने के लिए बीजेपी नेताओं की तरफ से मिला था 50 करोड़ का ऑफर

तेज बहादुर यादव ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि,’उन्हें भाजपा के नेताओं ने चुनाव न लड़ने के लिए 50 करोड़ रुपए का ऑफर किया था. जब निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था, तभी से ये लोग मुझसे संपर्क करने लगे थे. मुझे यह भी मालूम था कि भाजपा मेरा नामांकन रद्द करवा देगी. मैं यहां कोई नेता बनने नहीं आया था.’ तेज बहादुर यादव ने खुलासा करते हुए कहा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का गेम प्लान था कि मैं दो बार पर्चा भरूं. सपा की तरफ से पहले से घोषित उम्मीदवार शालिनी जी के साथ भी दाखिल करूं. लेकिन नरेंद्र मोदी ने मेरा पर्चा खारिज करा दिया.

अपको बता दें कि गुरुवार सुबह ही सपा उम्मीदवार शालिनी यादव ने तेज बहादुर की कलाई पर राखी बांधी. तेज बहादुर ने कहा किउ नकी कोई बहन नहीं है, लेकिन अब शालिनी के रूप में उन्हें एक बहन मिल गई है. शालिनी के लिए अपनी जान दांव पर लगाने का दावा करना वाले तेज बहादुर ने इसे नकली चौकीदार बनाम असली चौकीदार की लड़ाई बताया.

साथ ही तेज बहादुर ने कहा कि, देश के रिटायर्ड और पीड़ित फौजियों से अपील है कि, वो वाराणसी कूंच करें.नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा कि अब मैं शालिनी की लड़ाई को आगे बढ़ाने और मोदी जी को हराने के लिये बनारस में ही रह कर डोर टू डोर प्रचार करूंगा. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में शालिनी ने कांग्रेस से टिकट मांगा था. टिकट न मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है. सपा ने उन्हें पहले अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन ऐन मौके पर टिकट काटकर तेज बहादुर यादव को दे दिया.