तेलंगाना के साथ एन डी ए हुकूमत की नाइंसाफी:कवीता

वर्ंगल 10 फरवरी:तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव की बेटी और हलक़ा निज़ामबाद की टीआएस रुकने लोक सभा कलवा कनटला कवीता ने कहा है कि एन डी ए हुकूमत, तेलंगाना के तईं-ओ-मददगार नहीं है और नई रियासत अपने हुक़ूक़ के लिए जद्द-ओ-जहद पर मजबूर हो गई है। कवीता ने इस बात पर भी अफ़सोस का इज़हार किया कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने इक़तिदार सँभालने के बाद एक मर्तबा भी तेलंगाना का दौरा नहीं किया।

कवीता ने कहा कि ये हक़ीक़त हैके मोदी जी ने एक मर्तबा भी तेलंगाना का दौरा नहीं किया। मुम्किन है कि इस से उन (वज़ीर-ए-आज़म) की समझ बूझ का इज़हार होता है या फिर कुछ और में नहीं जानती कि आया ये नई रियासत की तरक़्क़ी के इरादा नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म के बैरूनी दौरों का तज़किरा करते हुए कवीता ने कहा कि जी हाँ दुसरे ममालिक के साथ ताल्लुक़ात को तरक्की देना ज़रूरी होता है लेकिन हमारी अपनी रियासतें भी बराबर तौर पर अहम होती हैं।

खास्कर् आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसी नई रियासतें ज़्यादा अहम हैं। ये दोनों रियासतें मर्कज़ की ख़ुसूसी तवज्जा की मुस्तहिक़ हैं। इस सवाल पर कि आया 3 जून 2014 को वजूद में आने वाली मुल्क की 29 वीं है। उन्होंने कहा कि ये अच्छा महसूस नहीं होता क्युं कि रियासत एक दस्तूरी इदारे की हैसियत से एक किस्म के एहतेराम की मुस्तहिक़ है। मैं नहीं समझती हत्ता कि आंध्र प्रदेश को भी किसी किस्म का कोई एहतेराम हासिल हो रहा है।