दवाख़ाना उस्मानिया में सड़ी गली लाशों का अंबार(ढेर‌) , बदबू (ग‍ध‌), ताफ़्फ़ुन(गंदगी)

हैदराबाद।३१अक्तूबर(सियासत न्यूज़) उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल के मुर्दा ख़ाना में पड़ी हुई इंतिहाई मुतअफ़्फ़िन ज़ाइद अज़ 150 नामालूम और लावारिस लाशों के बाइस(कारण‌) हॉस्पिटल को आने वाले मरीज़ों के लिए मसाइल पैदा होरहे हैं चूँकि इन लाशों की वजह से सारे इलाक़ा की फ़िज़ा-ए-में बदबू हावी रहती है। जी ऐच एमसी ने इन लाशों को मुर्दा ख़ाना से उठाने और उन की आख़िरी रसूमात की अंजाम दही के लिए ग़ैर सरकारी तंज़ीमों(संस्थाओ) और दीगर एजैंसीयों से इज़हार दिलचस्पी तलब करने का फ़ैसला किया है।

लावारिस लाशों की आख़िरी रसूमात की अंजाम दही से दिलचस्पी रखनेवाली तंज़ीमों और ख़ानगी एजैंसीयों से ख़ाहिश की गई कि वो जारीया माह के इख़तताम(अंत‌) तक इज़हार दिलचस्पी पेश करी। अंबर पेट श्मशान घाट में बर्क़ी भट्टी पर सड़ी हुई लाशों को जलाने से पैदा होने वाली बदबू के पेशे नज़र मुक़ामी अवाम ने इन लाशों को जलाने की इजाज़त नहीं दे रहे हैं जिस की वजह से ये लाशें हस्पताल के मुर्दा ख़ाना में पड़ी सड़ रही हैं। बताया जाता है कि गुज़शता तीन माह से इंतिहाई सड़ी हुई हालत में ये लाशें पड़ी हुई हैं जिस की वजह सारे इलाक़ा की फ़िज़ा-ए-में ताफ़्फ़ुन फैल रहा ही।

उमूमन लाशों को 3-4 दिनों में ठिकाने लगा देना चाआई। जी ऐच एमसी ओहदेदारों ने ये तस्लीम किया कि कई लावारिस और नामालूम लाशें उस्मानिया हॉस्पिटल के मुर्दा ख़ाना में सड़रही हैं। उन्हों ने कहा कि इन लाशों की आख़िरी रसूमात की अंजाम दही के लिए ग़ैर सरकारी तंज़ीमों और इदारों से ख़ाहिश की गई है कि वो इस ख़सूस में अपनी आमादगी ज़ाहिर करें ताकि उन्हें ये लाशें हवाला करदी जाएं। याद रहे कि मुस्लिम लाशों की तजहीज़-ओ-तकफ़ीन और तदफ़ीन के उमूर इदारा सियासत-ओ-मिल्लत फ़ंड की जानिब से अंजाम दीए जा रहे हैं और अब तक 1500 से ज़ाइद मुस्लिम मय्यतों को इस्लामी तरीक़े से सपुर्द लिहद किया गया।

उमूमन उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल और गांधी हॉस्पिटल में औसतन यौमिया 5 लावारिस लाशें जमा होती हैं और बर्क़ी भट्टी पर एक लाश को ठिकाने लगाने के लिए 1-2 घंटे दरकार होते हैं। हत्ता कि इन जी ओ सत्य हरीश चंद्रा फ़ाउंडेशन को भी जिसे जी ऐच एमसी ने लावारिस लाशों की आख़िरी रसूमात की अंजाम दही का ठेका दे रखा ही, अंबर पेट में लाशों को भट्टी पर जलाने में मुश्किलात पेश आरही हैं।

फ़ाउंडेशन के सैक्रेटरी मिस्टर के महेश कुमार ने कहा कि उन्हों ने उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल के मुर्दा ख़ाना से लाशों का हुसूल बंद करदिया है चूँकि इन लाशों की आख़िरी रसूमात की अंजाम दही में श्मशान घाट की इंतिज़ामी कमेटी की ज़बरदस्त मुज़ाहमत का सामना करना पड़ रहा है ताहम फ़ाउंडेशन रोज़ाना 2-3 लावारिस लाशों की आख़िरी रसूमात संजीवा रेड्डी नगर अलकटरीकल श्मशान घाट में अंजाम दे रहा है जिन्हें गांधी हॉस्पिटल और चेस्ट हॉस्पिटल से हासिल किया जा रहा है।