दहश्तगर्दी के नाम पर मुस्लिम नौजवानों की फ़र्ज़ी गिरफ़्तारी बंद हो: सीपीआई

नई दिल्ली 30 जून: मुल्क में दहश्तगर्दी के नाम पर मुस्लिम नौजवानों की फ़र्ज़ी गिरफ़्तारी का मुक़द्दमा पीपलस कैंपेन अगेंस्ट पॉलिटिक्स ऑफ़ टेरर(पी सी पी टी )ने लड़ने का फ़ैसला किया है। ये बात सीपीआई के लीडर अमीक़ जमाई ने जारी एक बयान में कही।अमीक़ ने, जो पीसीपीटी के भी लीडर हैं, कहा कि मौजूदा सूरत-ए-हाल और मुस्लिम नौजवानों की दाअश के नाम पर गिरफ़्तारी का सिलसिला शुरू हो गया है और मुस्लमान ख़ौफ़ के माहौल में ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये तहरीक 2012 में शुरू की गई थी और इस वक़्त वज़ीर-ए-दाख़िला ने इस सिलसिले में फास्टट्रैक कोर्ट बनाने की यक़ीन दहानी कराई थी और इस ज़िमन में पेश-रफ़्त भी शुरू हुई थी लेकिन हुकूमत बदलने के बाद वो सारा मुआमला कुडेदान में चला गया।

अमीक़ ने कहा कि इस वक़्त सीपीटीसी के ओहदेदारान साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह, मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे और मर्कज़ी वज़ीर-ए-ममलकत दाख़िला आरपी एन सिंह ने कई बार मुलाक़ात की थी।उन्होंने कहा कि इस तहरीक के ज़रीये अवाम को बेदार किया जाएगा और जेलों में सड़ने वाले नौजवानों की रिहाई के लिए कोशिश की जाएगी और ये कोशिश सिर्फ अदालती सतह पर महदूद नहीं रहेगी बल्के सियासी और समाजी तरीक़े से भी इस ज़िमन में कोशिश की जाएगी।