दिल्ली में यूगैन्डा की ख़ातून की इस्मत रेज़ि

नई दिल्ली

2मुल्ज़िमीन को 30साल की सज़ा-ए-क़ैद

दिल्ली की एक अदालत ने यूगैन्डा की एक शहरी के अग़वा और इजतिमाई इस्मत रेज़ि के इल्ज़ाम में 2नौजवानों को 30साल की सज़ाए क़ैद सुनाई है और कहा कि उनकी ये घनाव‌नी हरकत दुनिया की नज़र में हिन्दुस्तान के लिए पशेमानी का बाइस है और ये दोनों सख़्त सज़ा-ए-के मुस्तहिक़ हैं।

ऐडीशनल सैशन जज वीरेंद्र भट्ट ने दिल्ली के दो शहरीयों राजकुमार और दिनेश शर्मा को 50हज़ार रुपये जुर्माना के साथ 30साल की सज़ा-ए-क़ैद सुनाई और कहा कि इन दोनों की हरकत एक भूके भेड़ीया की तरह थी जिस के बाइस सड़क पर अकेली जाने वाली एक ग़ैर मुल्की ख़ातून को हवस का निशाना बनाया और उन्हें उस वक़्त मुल्क का वक़ार और एहतेराम भी याद नहीं रहा।

उनकी घिनाव‌नी हरकत से दुनिया की नज़र में हिन्दुस्तान की रुसवाई हुई है। अदालत ने कहा कि मुजरिमीन ने जिस तरीक़े से जुर्म का इर्तिकाब किया है इस से पता चला है कि उन्हें ख़वातीन की इज़्ज़त-ओ-एहतिराम का पास-ओ-लिहाज़ नहीं है। ये मुजरिमीन अपनी कार में सड़कों पर जाने वाली तन्हा ख़वातीन की तलाश में रहते हैं और उन का अग़वा करके अपनी हवस का निशाना बनाते हैं।

यूगैन्डा की ख़ातून को भी उन लोगों ने ज़बरदस्ती अग़वा करके अपने मकान ले गए और इजतिमाई इस्मत रेज़ि के बाद सुबह सवेरे सड़क पर लाकर छोड़ दिया था। अदालत ने मुतास्सिरा ख़ातून के बयान पर ये सज़ा-ए-सुनाई जबकि डी एन ए रिपोर्ट को मुस्तरद कर दिया क्योंकि इस रिपोर्ट से जुर्म साबित नहीं होरहा था।