नईम केस:सियासी क़ाइदीन और पुलिस ओहदेदारों की धड़कनें तेज़

हैदराबाद 21 सितम्बर: गैंगस्टर नईम के मुआमलात की तहक़ीक़ात दिन बह दिन संगीन और पेचीदा रुख इख़तियार करते जा रही है। पिछ्ले रोज़ एस आई टी की तरफ से नोटिसों देने के एलान के साथ ही कई सियासी क़ाइदीन की धड़कनें तेज़ हो गई हैं और कई एक पुलिस ओहदेदारों ने लंबी छुट्टी लगाना शुरू कर दिया है।

अप्पोज़ीशन जमातों और तेलंगाना जवाइंट एक्शण कमेटी के चैरमैन प्रोफेसर कोदंदराम के इल्ज़ामात के बाद हुकूमत पर दबाओ बढ़ गया है। समझा जा रहा है कि हुकूमत अपने बचाओ के लिए डायरी के नामों को एसआईटी हवाले कर सकती है और उन नामों के ज़हेर करने की ख़बर से सियासतदां भी सियासी पनाह की दौड़ में पड़ गए हैं।

एक दानिश्वर का कहना है कि नईम की डायरी सियासतदानों खास्कर अरकाने असेंबली के लिए वफ़ादारी का पैमाना साबित होगी। इन दो मुस्लिम अरकान के लिए भी जो नईम से ख़ुशगवार ताल्लुक़ात रखते थे और नईम भाई से मुख़ातिब हुआ करते थे। एसआईटी की तरफ नोटिसें इजराई के एलान ही से उन दो मुस्लिम अरकाने असेंबली ने अपने बचाओ की कोशिशों का आग़ाज़ कर दिया है। चूँकि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन ने कहा है कि नईम से ताल्लुक़ात और मुलाक़ात करने और फ़ोन पर राबिता रखने वालों के तमाम रेकॉर्ड्स मौजूद हैं।

इस बात से उनके चेहरों के रंग उड़ गए हैं और अब ये दो मुस्लिम अरकाने असेंबली अपने मुस्तक़बिल को बचाने और जेल की सलाख़ों के पीछे वक़्त गुज़ारने से बचने के लिए वो नए सियासी प्लाट फ़ाम और ठिकाने की तरफ़ तवज्जा कर चुके हैं। अप्पोज़ीशन कांग्रेस ने चीफ़ मिनिस्टर केसीआर पर इल्ज़ाम लगाया कि केसीआर अपनी सियासी मुख़ासमत को पूरा करने के लिए डायरी में तबदीली की है।

चूँकि पिछ्ले 6 माह से ये दो क़ाइदीन काफ़ी क़रीब हो गए थे और फ़ोन पर राबिता भी जारी था। वाज़िह रहे कि हुक्मराँ जमात में सिर्फ एक वाहिद मुस्लिम रुकने असेंबली मौजूद है और हुक्मराँ जमात उस तादाद में इज़ाफे की ख़ाहिशमंद है। जैसा कि नईम डायरी से पहले दुसरे सियासी जमातों के कांग्रेस और तेलुगू देशम के अरकान ने नक़ल मुक़ाम किया। समझा जाता है कि उनमें कई अपने सियासी मुस्तक़बिल और शख़्सी मुफ़ादात और अवामी ख़िदमात की ग़रज़ से शामिल हुए लेकिन अब सूरत-ए-हाल ही तबदील हो चुकी है।