नहीं लगता, 2019 से पहले गठबंधन कामयाब होगी- सीताराम येचुरी

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्‍यूरो के सदस्‍य और महासचिव सीताराम येचुरी इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं। पटना में एक कार्यक्रम के बाद उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें नहीं लगता कि आगामी लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्षी दल गठबंधन बनाने की कोशिश में सफलता हासिल कर लेंगे, हालांकि वह इसके लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं।

पूर्व के कुछ उदाहरणों के जरिये उन्‍होंने अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा कि पूर्व में भी राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस तरह का गठबंधन बनाने की कोशिश हो चुकी है, लेकिन उसका कोई बेहतर नतीजा सामने नहीं आया, हालांकि वह यह भी कहते हैं कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रोकने की कोशिश करेगी।

सीताराम येचुरी का कहना है कि इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का गठबंधन बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इन कोशिशों का कोई सार्थक नतीजा निकल कर सामने नहीं आया। वीपी सिंह के नेतृत्‍व में 1989 में लोकसभा चुनाव के बाद बने राष्ट्रीय मोर्चा और वाम मोर्चा का उन्‍होंने उदाहरण दिया।

बता दें कि इसी चुनाव के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे। सीपीएम महासचिव ने हालांकि यह भी स्‍पष्‍ट किया कि केंद्र से नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रोकने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी। इसके लिए वह गंभीर प्रयास कर रहे हैं।

येचुरी ने कहा कि केंद्र की सरकार पूरी तरह विफल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मोर्चे पर सफल नहीं है। इस वजह से विपक्षी दलों को भाजपा का विरोध करना चाहिए, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंका जा सके।