निज़ामीया तिब्बी कॉलेज चारमीनार को नजर अंदाज़ करने पर एहतेजाज

रियास्ती क़ानूनसाज़ कौंसल में निज़ामीया तिब्बी कॉलेज चारमीनार को हुकूमत की जानिब से नजरअंदाज़ किए जाने पर तेलगू देशम ने सख़्त एहतेजाज किया। पार्टी के डिप्टी लीडर जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मसक़ती ने सदर नशीन कौंसल डाक्टर चकरा पानी की इजाज़त से इस मसला पर ख़ुसूसी दरख़ास्त पेश की। उन्हों ने निज़ामीया तिब्बी हॉस्पिटल और कॉलेज में सहूलतों की कमी के बारे में तफ़सीलात पर मुश्तमिल एक अर्ज़दाशत वज़ीर मैडीकल एजूकेशन के मुरली को पेश किया।

उन्हों ने कहा कि हुकूमत जान बूझ कर यूनानी तरीक़ा-ए-इलाज को नजर अंदाज़ कर रही है, जब कि ग़रीब लोगों के लिए यूनानी तरीक़ा-ए-इलाज और चारमीनार यूनानी हॉस्पिटल किसी नेअमत से कम नहीं। उन्हों ने कहा कि हुकमा-और नर्सेस की कमी के इलावा फंड्स जारी ना किए जाने के सबब अवाम को बेहतर सहूलतें फ़राहम करने में हुक्काम नाकाम हैं।

उन्हों ने शिकायत की कि मुख़्तलिफ़ मवाक़े पर वुज़रा और चीफ़ मिनिस्टर्स ने इस हॉस्पिटल का मुआइना किया और फंड्स की इजराई के सिलसिले में मुख़्तलिफ़ वाअदे किए, लेकिन अफ़सोस कि इन वादों पर आज तक अमल आवरी नहीं की गई। चूँ कि ये हॉस्पिटल पुराने शहर में है, लिहाज़ा हुकूमत को इस की तरक़्क़ी से कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसा महसूस होता है कि हुकूमत यूनानी तरीक़ा-ए-इलाज को ख़तम करना चाहती है।

उन्हों ने कहा कि बेला लेहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत ग़रीब अवाम उस हॉस्पिटल से रुजू होकर फ़ायदा हासिल कर रहे हैं। अगर हुकूमत की जानिब से दरकार सहूलतें और फंड्स जारी किए गए तो ये दवा ख़ाना पुराने शहर के अवाम की मज़ीद बेहतर ख़िदमत अंजाम दे सकता है। उन्हों ने कहा कि जिन डॉक्टर्स और नर्सेस की जायदादें मख़लूआ हैं, उन पर फ़ौरी तक़र्रुरात किए जाएं

। वज़ीर मैडीकल एजूकेशन के मुरली ने ऐवान को यक़ीन दिलाया कि वो इस पेटीशन का जायज़ा लेकर तमाम सहूलतों की फ़राहमी के जल्द अज़ जल्द मुम्किना इक़दामात करेंगे। उन्हों ने फंड्स की इजराई का भी तय्क्कुन दिया।