नीतीश सभी दलों को एकजुट कर राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को हराने की कर रहे हैं तैयारी

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद नीतीश कुमार द्वारा पीएम की मोदी की तारीफ किये जाने को लेकर लगा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्य मंत्री के बीच नजदीकियां बढ़ रही है. इसके अलावा भी सार्वजनिक मंचों पर कई बार नीतीश कुमार और पीएम मोदी ने एक दूसरे की तारीफ की थी. लेकिन अब जब राष्ट्रपति चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं तो बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच दूरियां बढ़ने की खबरें आ रही हैं. इसके अलावा जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं सभी पार्टियों में हलचल शुरू हो गई है.

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नेशनल दस्तक के अनुसार, नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन सभी राजनीतिक पार्टियों से बात कर रहे हैं जोकि एनडीए के साथ नहीं हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि सभी पार्टियां मिलकर राष्ट्रपति पद के लिए अपना एक उम्मीदवार मैदान में उतारें. जिस उम्मीदवार को उतारें वही देश का राष्ट्रपति भी बने. वह चाहते हैं कि राष्ट्रपति एनडीए का न बने. हाल ही में जब नीतीश कुमार दिल्ली में थे तो उन्होंने इसकी चिंता जाहिर करते हुए एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई और इंडियन नेशनल लोक दल के टॉप नेताओं से इसके बारे में बात की.

बता दें कि 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के समय नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा थे इसके बावजूद भी उन्होंने यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था.
सूत्रों ने कहा कि सीएम कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में भी हैं. लोकसभा चुनाव से दो साल पहले राष्ट्रपति का चुनाव होता है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति आरएसएस से या कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होना चाहिए जो कि पक्षपात करे. जुलाई में राष्ट्रपति का चुनाव होना है.
इतना ही नहीं बिहार के मुख्यमंत्री शुक्रवार को सीपीआई के केंद्रीय कार्यालय भी गए थे, सीपीआई के नेता डी राजा और सुधाकर रेड्डी से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. उनहोंने दिल्ली में शनिवार को आईएनएलडी के नेता ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की. हालांकि नीतीश कुमार ने इस बारे में कुछ भी बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी. दोनों नेताओं के संबंध बहुत पुराने हैं.