नोटबंदी: टीम नितीश ने मोदी को चेताया, कहा समर्थन का एक्सपायरी डेट भी है

पटना: नोटबंदी के फैसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का समर्थन किया था. इसी सप्ताह की शुरुआत में नीतीश कुमार ने कहा था कि काले धन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री के आग्रह का सिर्फ 50 दिन तक सब्र करेंगे. प्रधानमंत्री की इस पहल का उसके इरादे को लेकर चौतरफा स्वागत किया गया था, लेकिन इसे लागू किए जाने पर सिर्फ नाकामी ही सामने आई, क्योंकि एक महीना बीत जाने के बाद भी देशभर में अभी तक नकदी संकट बरकरार है.

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एनडीटीवी इंडिया के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली में जेडीयू नेता पवन वर्मा ने केंद्र सरकार को सीमित समय की याद दिलाते हुए कहा जिस लक्ष्य को सामने रखकर यह कदम उठाया गया था, क्या यह उसके काम आया. इसलिए हम 30 दिसंबर तक इंतज़ार कर रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि 50 दिन इंतज़ार कीजिए, सब कुछ सामान्य हो जाएगा.
वहीँ नीतीश की पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री को दिए गए समर्थन की एक्सपायरी डेट भी है, लालू प्रसाद यादव ने शनिवार को अपनी पार्टी की बैठक बुलाई है, जहां वह नोटबंदी को लेकर पीएम के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शनों की योजना को अंतिम रूप देंगे.

जबकि नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि मैं उस किस्म का शख्स नहीं हूं, जो जल्दबाज़ी में किसी का समर्थन करूं, और फिर वापस ले लूं. 30 दिसंबर तक इंतज़ार कीजिए फिर हम विश्लेषण करेंगे.

गौरतलब है कि काले धन को बाहर निकालने और उसे रखने वालों को दंडित करने के इरादे से नोटबंदी की अचानक घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने भावुक लहजे में देशवासियों से 50 दिन तक सब्र रखने का आग्रह करते हुए तय किया था कि बंद किए गए नोटों को 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा करवाना होगा. अब तक 80 फीसदी नोट जमा किए जा चुके हैं, जिससे संकेत मिलता है कि लगभग सारे ही नोट बैंकों में वापस आ जाएंगे. इस बात को लेकर आम लोगों में एक उत्साह जगी थी कि इस फैसले से शायद काले धन बाहर होंगे और देश का भला होगा लेकिन इसका परिणाम उल्टा ही हो गया जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.