पश्चिम बंगाल को अब इस नये नाम से जाना जायेगा, विधानसभा में प्रस्ताव हुआ पास!

जल्द ही पश्चिम बंगाल को बांग्ला कहकर भी पुकार सकते हैं। दरअसल पश्चिम बंगाल से खबर आ रही है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो गया है। गौरतलब है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य के नाम को पश्चिम बंगाल से ‘बांग्ला’ में बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब, प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। यदि गृह मंत्रालय ममता सरकार के इस प्रस्ताव से सहमत व्यक्त करता है तो इसके बाद पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ कर दिया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि राज्य के नाम को बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया।

दरअसल ये प्रस्ताव राज्य के नाम को सभी भाषाओं में ‘बांग्ला’ में बदलने के लिए कहता है। जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जब आखिरी बार प्रस्ताव भेजा था, तो केंद्र सरकार ने इसे वापस कर दिया था। उस प्रस्ताव में अंग्रेजी में ‘बंगाल’ बंगाली में ‘बांग्ला’ और हिंदी में ‘बंगाल’ नाम बदलने के लिए कहा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि यह प्रस्ताव 29 अगस्त, 2016 को पारित किया गया था। केंद्र द्वारा व्यक्त की गईं आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए ममता बनर्जी कैबिनेट ने 8 सितंबर, 2017 को राज्य के नाम को सभी भाषाओं में ‘बांग्ला’ में बदलने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले 2011 में राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल को ‘पश्चिम बंगो’ के रूप में नामित करने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसे भी कभी ग्रीन सिग्नल नहीं मिला।

राज्य के नाम को बदलने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिए गए मुख्य कारणों में से एक यह था कि जब भी सभी राज्यों की बैठक हुई, तो पश्चिम बंगाल वर्णानुक्रम में सूची में नीचे आया।

1947 में भारत के विभाजन के बाद बंगाल को पूर्वी बंगाल और पश्चिम बंगाल के रूप में विभाजित किया गया था। पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बन गया और 1971 में आजाद होकर बांग्लादेश बन गया, जबकि पश्चिम बंगाल नाम बंगाल के भारतीय पक्ष के साथ जारी रहा।