पाकिस्तानी अदालत में ज़रदारी के ख़िलाफ़ दरख़्वास्तें क़बूल

लाहौर । 6 जनवरी ( पी टी आई ) पाकिस्तान की एक अदालत ने सदर-ए-पाकिस्तान आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दरख़्वास्तें समाअत केलिए क़बूल करली हैं जिन में इल्ज़ाम आइद किया गया है कि वो सयासी सरगर्मियों से ख़ुद को बेताल्लुक़ बना चुके हैं। इन दरख़ास्तों की समाअत केलिए लाहौर हाइकोर्ट ने एक बंच का तक़र्रुर किया है ।

लाहौर हाइकोर्ट की यही बंच वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गीलानी को नाअहल क़रार देने की दरख़ास्तों की समाअत भी करेगी । इन दरख़ास्तों में वज़ीर-ए-आज़म पर इल्ज़ाम आइद किया गया है कि उन्हों ने अदालत के अहकाम की अदम तामील के ज़रीया ग़द्दारी का इर्तिकाब किया है और पाकिस्तानी दस्तूर की तहक़ीर की है । लाहौर हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस शेख अज़मत सय्यद ने कल दरख़ास्तों को समाअत केलिए क़बूल करते हुए तीन जजिज़ पर मुश्तमिल बंच तशकील देदी ।

चीफ जस्टिस एस बंच के सरबराह होंगे । साबिक़ चीफ जस्टिस एजाज़ अहमद चौधरी 14 अक्तूबर 2011 को वाहिद जज पर मुश्तमिल बंच तशकील दे चुके थे जिसे अज़ीम तर बंच तशकील देने की ज़िम्मेदारी सपुर्द की गई थी । बंच दरख़ास्तों की समाअत का आग़ाज़ अदालत की सरमाई तातीलात के इख़तताम पर करेगी ।

कानूनदां ए के डोगर जिन्हों ने जमात-उल-दावत के सरबराह हाफ़िज़ मुहम्मद सय्यद की पैरवी की है एक दरख़ास्त वुकला की जानिब से पेश करचुके हैं जिन में अदालत से ख़ाहिश की गई है कि सदर ज़रदारी को हिदायत दी जाय कि वो पीपल्ज़ पार्टी के नायब सदर नशीन के ओहदा से मुस्ताफ़ी हूजाएं। अदालत का इजलास-ए-कामिला गुज़श्ता साल मई में भी इसी एक दरख़ास्त की समाअत करचुका है ।