पुलिस बिल 2013 पर जामि और वाज़िह मुज़ाकिरात ज़रूरी : बी जे पी

जम्मू ,01 मार्च: बी जे पी की रियासती यूनिट ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस बिल 2013 पर जामा और तफ़सीली तबादला-ए-ख़्याल किए जाने की ज़रूरत है। जम्मू-ओ-कश्मीर पुलिस बिल 2013 के ड्राफ़्ट को यकसर मुस्तर्द करने के बजाय ज़रूरत इस बात की है कि इस पर जामि और वाज़िह बेहस की जाये क्योंकि इस बिल के ज़रिये जो सिफ़ारिशात और मश्वरे दिए गए हैं उन पर हक़ीक़तन ग़ौरो ख़ौज़ किए जाने की ज़रूरत है।

कुछ तजावीज़ ऐसी होती हैं जिन्हें हम नजरअंदाज़ नहीं कर सकते। इन तजावीज़ को अगर रद्दी की टोकरी की नज़र कर दिया गया तो ये सरासर नाइंसाफ़ी होगी। बी जे पी के कलीदी तर्जुमान और रुकन क़ौमी आमिला जतिंद्र सिंह ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि बी जे पी ने हमेशा इस बात की ताईद की है। पुलिस अहलकारों को भी जवाबदेह बनाया जाये,क्योंकि पुलिस अहलकारों के किसी भी फे़अल से एक आम आदमी की जमहूरी आज़ादी मुतास्सिर नहीं होना चाहीए।

जम्मू-ओ-कश्मीर पुलिस की सफ़ों में वाक़िअतन इस्लाहात की ज़रूरत है और इस के नफ़ाज़ के लिए किसी भी नौईयत का इमतियाज़ी रवैय्या अपनाने की ज़रूरत नहीं। याद रहे कि जम्मू-ओ-कश्मीर में मौजूदा पुलिस एक्ट का नफ़ाज़ 1927 में किया गया था।