पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज किया

गुजरात के बनासकांठा जिले की एक अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की ओर से दायर जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। पालनपुर अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी एस ब्रह्मभट्ट ने भट्ट को राहत देने से इनकार कर दिया। संजीव भट्ट पर आरोप हैं की उन्होंने एक वकील को नारकोटिक्स मामले में फंसाने की साजिश रची थी। हाईकोर्ट से आदेश के बाद सितंबर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से ही वह जेल में बंद हैं। भट्ट को 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था।

इसके पहले संजीव भट्ट की पत्नी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी जिसे बीते 4 अक्टूबर को ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करके, उन्हें निचली अदालत में जाने की सलाह दी थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गिरफ्तारी गुजरात हाई कोर्ट के बीते जून महीने में आदेश के बाद की गई थी। भट्ट 1996 में बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भट्ट के नेतृत्व में बनासकांठा पुलिस ने वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को करीब एक किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के आरोप में 1996 में गिरफ्तार किया था। उस समय बनासकांठा पुलिस ने दावा किया था कि मादक पदार्थ जिले के पालनपुर में होटल के उस कमरे से मिला था जिसमें राजपुरोहित ठहरे थे।

हालांकि, राजस्थान पुलिस की जांच में यह पता चला कि बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पाली स्थित एक विवादित संपत्ति के हस्तांतरण को लेकर राजपुरोहित पर दबाव बनाने के इरादे से उन्हें मामले में कथित तौर पर गलत तरीके से फंसाया है। इसमें यह भी दावा किया गया कि बनासकांठा पुलिस ने राजपुरोहित का पाली स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया था। इस साल जून में राजपुरोहित की याचिका की सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच CID को सौंप दी थी। हाई कोर्ट ने CID को इस मामले की जांच 3 महीने में पूरा करने को कहा था।