फसलों के नुक़्सान का जायज़ा लेने ड्रोन टेक्नोलोजी

नई दिल्ली: फ़सल को होने वाले नुक़्सानात फ़ौरी जायज़ा लेने और इसका मुआवज़ा जल्द से जल्द अदा करने की कोशिश के हिस्से के तौर पर हुकूमत ने बग़ैर आदमी वाले एयरक्राफ्ट टेक्नोलोजी ”ड्रोन’ की ख़रीदी का फ़ैसला किया है ताकि उन ड्रोन की मदद से फसलों की तबाही का अंदाज़ा करके रक़ूमात और मुआवज़ा फ़ौरी अदा किया जा सके।

आइन्दा फसलों को नुक़्सानात से बचाया जा सके। हुकूमत का ये इक़दाम वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की हिदायत पर किया जा रहा है जो नई फ़सल बीमा स्कीम को मोस्सर तौर पर रूबा अमल लाने के लिए असरी ज़रई टेक्नोलोजीज़ को इस्तेमाल करना चाहते हैं। इस साल जून से प्रधान मंत्री फ़सल बीमा योजना पर अमल की जा रही है।

वज़ारत ज़राअत के एक सीनियर ओहदेदार ने कहा कि हमने पहले ही ड्रोन टेक्नोलोजी की ख़‌रीदी के लिए क़ौमी फ़सल पेश क़यासी सेंटर को उसूली तौर पर मंज़ूरी दे दी है। आइन्दा माह उस के लिए एक ई टेंडर भी जारी किया जाएगा। इब्तिदा-ए-में हुकूमत एक ड्रोन टेक्नोलोजी ख़रीदेगी और इस के बाद ड्रोन के इस्तेमाल के फ़वाइद का पता चलाकर मज़ीद ड्रोन ख़रीदे जाऐंगे।

वज़ारत ज़राअत का मन्सूबा है कि फिर एक रियासत के लिए एक ड्रोन ख़रीदा जाये। आइन्दा पाँच साल के दौरान कम अज़ कम 20 ड्रोनस ख़रीदे जाऐंगे। एक ड्रोन की ख़रीदी और इस की देख-भाल पर तक़रीबन70 लाख रुपये ख़र्च आएगा उस के लिए हुकूमत ने अपने 2015-16  में फंड्स मुख़तस किए हैं|