फ़ायर इंजनों की क़िल्लत के बाइस सब्ज़ी मंडी में करोड़ों रूपयों का नुक़्सान

सब्ज़ी मंडी में कल रात अश्रार ने जो तोड़ फोड़ की लूट मार और तबाही मचाई इस में करोड़ों रूपयों का नुक़्सान हुआ है । कम अज़ कम 9 बड़ी दुकानात को अश्रार ने आग लगाई और अक़लीयतों के मकानात को निशाना बनाने की भरपूर कोशिश की ताहम अक़लीयतों ने जिस सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा क्या वो काबिल-ए-सताइश है जब कि मुक़ामी अवाम का कहना है कि पुलिस ख़ामोश तमाशाई का रोल अदा करती रही ।

हम ने कल रात में जब मुतास्सिरा इलाक़ा का दौरा किया था उस वक़्त जलती हुई दुक्का नात से बुलंद होते आग के शोला दूर दूर से दिखाई दे रहे थे जब कि कपड़ा मार्किट होने के बाइस सारी सब्ज़ी मंडी के आग की लपेट में आ जाने के ख़दशात पैदा होगए थे ।

अफ़सोस तो इस बात का है कि इतने बड़े वाक़िया से निमटने सिर्फ़ 4 फ़ायर इंजनों की ख़िदमात हासिल की गएं थीं यहां तक कि पुलिस के आला ओहदेदारों को एकदूसरे से फ़ायर इंजन इधर उधर भेजने की दरख़्वास्तें करते हुए भी देखा गया ।

ख़ुद पुलिस ओहदेदार भी फ़ायर इंजनों की कमी के बाइस परेशान कुन सूरत-ए-हाल का सामना कर रहे थे। आप को बतादें कि दोनों शहरों हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद में जुमला 13 फ़ायर इस्टेशन हैं इन में पंजा गट्टा सनअत नगर , सिकंदराबाद , मौला अली , गोली गौड़ा ,मुग़ल पूरा , मलक पेट , चन्दू लाल बारहदरी , लंगर हौज़ , सिक्रट्रीयट और सालार जंग म्यूज़ीयम के फ़ायर इस्टेशन क़ाबिल जिकर हैं ।

फ़ायर ब्रिगेड ज़राए के मुताबिक़ मौलाअली फ़ायर इस्टेशन में एक एसा असरी फ़ायर इंजन रखा गया है जो फिनलैंड में तय्यार किया गया था उस की कीमत तक़रीबा 9 करोड़ रुपये बताई जाती है । पर एस्ट्रो स्काई लिफ़्ट व्हीकल नामी इस फ़ायर इंजन के ज़रीया 30 मंज़िला इमारत पर लगी आग भी बुझाई जा सकती है ।

अवाम के ख़्याल में हुकूमत को बलंद बाँग दावे करने की बजाय शहर में फ़ायर इंजनों की तादाद में इज़ाफ़ा करना चाहीए । दूसरी जानिब सब्ज़ी मंडी में अश्रार की शरपसंदी और पुरअमन माहौल को ख़राब करने की नापाक कोशिशों के नतीजा में पुलिस मुखबिरों की चांदी होगई है ।

इलाक़ा में सफ़ारी सूट पहने पुलिस मुख़्बिर एसे फिर रहे हैं जैसे वो ओहदेदार होँ अब ये मुख़्बिर सिर्फ अपने मफ़ादात की तकमील के लिये बेक़सूर नौजवानों को फंसाने के लिये एकदूसरे पर सबक़त ले जाएंगे ।

ज़राए के मुताबिक़ इस तरह के वाक़ियात का मुख़्बिर भरपूर फ़ायदा उठाते हैं और बाज़ाबता तौर पर नौजवानों को फंसाने और फिर उन्हें बचाने के नाम पर अपनी जेबें हराम कमाई से भर लेते हैं ।

इन मुखबिरों की सरगर्मियों के नतीजा में बेक़सूर नौजवान और अफ़राद मुतास्सिर होते हैं एसे मैं पुलिस के आला ओहदेदारों को चाहीए कि मुखबिरों पर भरोसा ना करें ।