बड़ा सवाल: पवित्र शहर मक्काह पर किसने किया हमला!

सऊदी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि यमनी सेना और अंसारुल्लाह आंदोलन ने मुसमलानों के सबसे पवित्र शहर मक्का पर मिसाइल से हमला किया है।

हालांकि अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रमुख अब्दुल मलिक अल-हौसी ने मंगलवार को सऊदी मीडिया रिपोर्टों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे सफ़ेद झूठ क़रार दिया है। अल-हौसी ने सऊदी मीडिया के इन आरोपों को बहुत ही घटिया और घिनौना बताया।

अंसारुल्लाह के प्रमुख का कहना था कि जो लोग बैतुल मुक़द्दस स्थित मस्जिदुल अक़सा के ख़िलाफ़ साज़िश रचने में शामिल हैं, वे पवित्र शहर मक्का के ख़िलाफ़ भी साज़िश कर सकते हैं, ताकि उसका आरोप यमन पर मढ़ सकें।

अल-हौसी का इशारा फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईली-अमरीकी समझौते डील ऑफ़ द सेंचरी की ओर था, सऊदी अरब जिसका बढ़ चढ़कर समर्थन कर रहा है।

अंसारुल्लाह प्रमुख का कहना था कि सऊदी शासन क्षेत्र में अमरीका और इस्राईल का सबसे बड़ा सहयोगी है और यह मुसलमानों के पवित्र स्थलों को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

ग़ौरतलब है कि यमन ने सऊदी अरब के हवाई हमलों के जवाब में सऊदी ऑयल स्टेशनों और नजरान हवाई अड्डे पर ड्रोन विमानों से हमले किए हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, सऊदी सेना यमनी ड्रोन विमानों के हमलों के मुक़ाबले में मजबूर नज़र आ रही है, यही कारण है कि अब आले सऊद शासन दुनिया भर के मुसलमानें की भावनाओं को भड़काने के लिए पवित्र शहरों पर मिसाइल हमलों का दुष्प्रचार कर रहा है।