बल्दी मुलाज़मीन मुतालिबात मनवाने में कामयाब लेकिन कचरे की निकासी में नाकाम

दोनों शहरों में बल्दी मुलाज़मीन की हड़ताल ख़त्म हुए तीन यौम गुज़र चुके हैं लेकिन अभी तक भी कई इलाक़ों में कचरे के अंबार लगे हुए हैं जिस के सबब ताफ़्फ़ुन फैल रहा है। पुराने शहर के कई इलाक़ों में जहां ज़ाइद अज़ एक हफ़्ता से कचरा नहीं हटाया गया है वहां पर ताफ़्फ़ुन और बदबू के बाइस अवाम का चलना फिरना दुशवार बना हुआ है।

बताया जाता है कि ख़ान्गी कॉन्ट्रैक्टर्स के ज़रीए बल्दिया की जानिब से कचरे की निकासी के इक़दामात किए जा रहे हैं लेकिन इस के बावजूद अमला की कमी के बाइस कचरे की फ़ौरी निकासी मुम्किन नहीं हो पा रही है।

पुराने शहर के कई इलाक़ों में जहां सफ़ाई अमला काम काज पर वापिस आ चुका है वो भी कचरे के अंबार की निकासी से क़ासिर है चूँकि कचरे के अंबार हटाने के लिए ना सिर्फ़ बड़े ट्रक की ज़रूरत है बल्कि जे सी बी मशीनें भी दरकार हैं।

बल्दी अमला इस बात की मुम्किना कोशिश कर रहा है कि आइन्दा दो दिनों में शहर से कचरे की मुकम्मल निकासी को यक़ीनी बना दिया जाएगा और इस के लिए ज़रूरत पड़ने पर इज़ाफ़ी जे सी बी और बड़े ट्रक्स हासिल किए जाएंगे।