बाटलाहाउस एनकाउंटर मुक़द्दमे का फ़ैसला ,मुजरिम को सज़ाए उम्र क़ैद

दिल्ली हाईकोर्ट का इंडियन मुजाहिदीन के मुश्तबा दहश्तगर्द शहज़ाद अहमद पर 95 हज़ार रुपये जुर्माना
इंडियन मुजाहिदीन के मुश्तबा दहश्तगर्द शहज़ाद अहमद को बाटला हाउस एनकाउंटर मुक़द्दमे में दिल्ली की अदालत के ऐडीशनल सैशन जज राजिंदर कुमार शास्त्री ने नामवर पुलिस ओहदेदार एम सी शर्मा को हलाक करने और दीगर दो मुलाज़मीन पुलिस को ज़ख़मी करने का मुजरिम क़रार देते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई और 95 हज़ार रुपय जुर्माना भी आइद किया ।

अदालत ने कहा कि जुर्माना की रक़म में से 40 हज़ार रुपय शर्मा के ख़ानदान को और 20 हज़ार रुपय हैड कांस्टेबल बलवंत सिंह को अदा किए जाऐंगे जो इस एनकाउंटर में ज़ख़मी होगया है। अदालत ने कल शहज़ाद अहमद को मुजरिम क़रार देते हुए उसकी सज़ा का फ़ैसला महफ़ूज़ कर दिया था । क़ब्लअज़ीं वुकला इस्तिग़ासा-ओ-सफ़ाई की दलीलों की समाअत की गई थी ।

वकील इस्तिग़ासा ने शहज़ाद अहमद केलिए सज़ाए मौत का मुतालिबा किया था जबकि वकील सफ़ाई ने इस के साथ नरमी बरतने की दरख़ास्त की थी । दिल्ली पुलिस का कहना था कि एक पुलिस ओहदेदारों को हलाक और दीगर दो को ज़ख़मी करदेने पर मुजरिम को सज़ाए मौत की दी जानी चाहीए क्योंकि वो 13 सितंबर 2008 के सिलसिलावार बम धमाकों में भी मुलव्विस था जिस में 26 अफ़राद हलाक और 133 ज़ख़मी होगए थे ।

ख़ुसूसी वकील इस्तिग़ासा सत्वेंदर कौर ने कहा कि जब देवेंद्र पाल सिंह भूल्लर और अजमल क़स्साब को सज़ाए मौत दी जा सकती है जिसकी तौसीक़ सुप्रीम कोर्ट ने भी करदी थी शहज़ाद को क्यों नहीं दी जा सकती ।शहज़ाद के वकील सफ़ाई सतीश टमटा ने कहा कि सज़ाए मौत बहुत कम सूरतों में दी जाती है और शहज़ाद अहमद का मुक़द्दमा इस ज़मुरा में शामिल नहीं है 25 जुलाई को शहज़ाद को क़तल ,क़तल की वजह बनने और क़ानून-ए-ताज़ीराते हिंद और क़ानून असलाह की मुख़्तलिफ़ दफ़आत के तहत मुजरिम क़रार दिया गया था ।

अदालत ने उसे पुलिस ओहदेदारों पर हमले और उनके फ़राइज़ की अदायगी में रुकावट पैदा करने का मुजरिम भी क़रार दिया था । दिल्ली पुलिस के ख़ुसूसी ओहदेदार 13 सितंबर 2008 को उसे गिरफ़्तार करने में कामयाब हुए थे ।