बिजली अहलकार दो फाड़ मुज़ाकरत बेनतीज रही

तोड़फोड़, लाठी चार्ज, ब्लैक आउट और तशद्दुद वाकिया के दो दिनों बाद पीर को बिजली मुलाज़मीन यूनियनों की वज़ीरे तूअनाई बिजेंद्र प्रसाद यादव के साथ बातचीत तो हुई, पर वह बेनतीज रही। तूअनाई वज़ीर और कुछ यूनियन क़ायेदीनों ने कहा कि ज़्यादातर मुद्दों पर इत्तिफ़ाक़ बन चुकी है। हुकूमत की सतह पर कुछ फैसला लिया जाना बाकी है। अगली बातचीत 18 सितंबर की शाम चार बजे होगी।

उधर, मुज़ाकरत के फौरन बाद मुलाज़मीन यूनियनों की इत्तिहद में फूट नज़र आई। कियादत से नाराज मुलाज़मीन के एक ग्रुप ने भारी हंगामा किया और मुज़ाकरत करने गये मुलाज़मीन क़ायेदीनों को भला-बुरा कहा। मुलाज़मीन यूनियन के एक लीडर बीएल यादव ने तो साफ तौर पर कहा है कि 18 सितंबर को बातचीत होने तक काम का बायकोट जारी रहेगा। पेसा के सरपरस्त मिस्टर यादव एमडी और सीएमडी को हटाने की मांग पर अड़े हैं।

तकरीबन ढाई घंटे से ज़्यादा वक़्त तक चले मुज़ाकरत के बाद वज़ीरे तूअनाई ने कहा कि खुशगवार माहौल में बातचीत हुई है। कुछ मुद्दों पर हुकूमत के सतह पर फैसला लेने होंगे। मसलन, अदालती तहक़ीक़ात कमीशन की तशकील कैबिनेट के जरिये से होना है। माली मामलों में महकमा को फैसला लेना है एमडी-सीएमडी को हटाने की मांग पर वज़ीर ने कहा कि मुलाज़मीन क़ायेदिनों ने ऐसी मांग नहीं की। वहीं, बातचीत कर निकले क़ायेदीनों में अश्विनी कुमार, देवकी राय, महेश प्रसाद सिन्हा और उपेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि हुकूमत से मुज़ाकरत मुसबत रही है।

आखरी फैसला नहीं हो सका है। बुध को मुज़ाकरत होने पर ही कहा जा सकता है कि हमारी मांगों पर हुकूमत क्या फैसला लेगी। मुज़ाकरत में उठे नुकातों पर हुकूमत के रुख से नाराज मुलाज़मीन के हंगामे पर अहलकार क़ायेदीनों ने अपने आपको अलग कर लिया। उपेंद्र चौधरी और अश्विनी कुमार ने कहा कि अगर मुलाज़मीन को लगता है कि उनकी मांग हम लीडर नहीं कर रहे हैं तो वे खुद किसी लीडर को भेजें। क़ायेदीनों की कोई ज़ाती मुतालबा नहीं है। हुकूमत और यूनियन के दरमियान जो भी मुज़ाकरत हो रही है, वह मुलाज़मीन से जुड़े ही मुद्दा है। काम का बायकोट किये जाने के सवाल पर पेसा के जेनेरल सेक्रेटरी अश्विनी कुमार ने कहा कि यह खुद हुआ है।

बिजली कंपनी के हेड क्वार्टर में जो पुलिस अहलकारों ने मुलाज़मीन की पिटाई की है, उसी के मुखालिफत में मुलाज़मीन ने काम बंद किया है। तंज़िम अपने मुलाज़मीन से दरख्वास्त करता है कि वे अमन से काम लें। अगर मुलाज़मीन की मुतालबात की फराहम नहीं होती है तो 25 सितंबर से हड़ताल का तजवीज है और उस पर हम कायम हैं। मुज़ाकरत के दौरान सीएमडी संदीप पौंड्रिक के अलावा वीरेंद्र प्रसाद सिंह, जेपी सिंह, महेश प्रसाद सिन्हा, रामेश्वर प्रसाद सिंह, रामानंद प्रसाद सिंह, संजय तिवारी समेत दीगर लीडर शामिल हुए।