बिहार: ‘जलील मस्तान’ विवाद की भेंट चढ़े,आज की विधानसभा की कार्यवाही

पटना: इन दिनों बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में जलील मस्तान के मुद्दे को लेकर काफी गरमा गर्मी का माहौल है. विपक्ष के नेता वेल में आकर जमकर हंगामा करने लगे. सत्ता पक्ष और विपक्ष के तीखी नोक झोक के कारण दिन भर में विधानसभा की कार्यवाही मात्र 45 मिनट और विधान परिषद की मात्र 11 मिनट चली. जनता और जनहित के मुद्दे इन विवादों के चलते गौण होते जा रहे हैं.
वरिष्ठ शिक्षाविद और राजनीतिक चिंतक प्रो. नवल किशोर चौधरी के अनुसार, उत्पाद व मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने जो किया वह पूरी तरह निंदनीय शर्मनाक और दुखद भी है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा का नहीं चलना भी लोकतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन है.

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प्रभात खबर के अनुसार, विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष अब्दुल जलील मस्तान की बरखास्तगी की मांग को लेकर वेल में आकर जमकर हंगामा करने लगे. जब उससे भी बात नहीं बनी तो सदन के पोर्टिको में धरने पर बैठ गए. पहली पाली में मात्र 11 मिनट कार्यवाही चली और दूसरी पाली में भी मात्र 25 मिनट. इस दौरान सिर्फ विपक्ष के विरोध के बीच शिक्षा विभाग का बजट पेश किया गया. सदन नहीं चलने देने के लिए उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने विपक्ष को जिम्मेदार बताया. उधर सत्तापक्ष की मांग थी कि विपक्ष पूर्वी चंपारण के चिरैया से भाजपा विधायक लाल बाबू गुप्ता के नितीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी पर कार्रवाई करे. लाल बाबू गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कार्यवाही की रिकार्डिंग निकाल कर देख लें, मैंने कुछ नहीं कहा है.
वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक रजी अहमद कहते हैं, अब किसी पार्टी के एजेंडे में जनता के मुद्दे हैं ही नहीं. बस यहाँ आरोप-प्रत्यारोप और हंगामा ही जारी रहता है. उन्होंने कहा कि यह बिहार के अलावा लोकतंत्र के लिए काफी खतरनाक है..